अक्सर यह कहा जाता है कि बच्चे अपने पैरेंट्स की परछाईं होते हैं। थोड़ा कम थोड़ा ज्यादा हर बच्चे में उसके मां और पापा के गुण आते हैं। हम यहां बात कर रहे हैं वर्किंग मॉम की, जो अपने बच्चों को काम और घर दोनों को बैलेंस करना सिखाती है। यह सच है कि मां के वर्किंग होने से बच्चों को हर समय उनका साथ नहीं मिल पाता है। लेकिन यह भी उतना ही सच है कि ऐसी मांओं के बच्चों को अपनी मां का क्वाॅलिटी समय मिलता है। ऐसे बच्चों के व्यक्तित्व में कुछ ऐसा होता है, जो उनकी पर्सनैलिटी को खास बनाता है।आज हम आपको ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे है जो वर्किंग मांओं के बच्चों के व्यक्तित्व में जरूर देखने को मिलती हैं।
समय की कद्र करना जब दोनों पैरेंट्स वर्किंग होते हैं, तो उनके पास अपने बच्चों के लिए समय का अभाव होता है। ऐसे में बच्चों को यह पता होता है कि जब भी उन्हें पेरेंट्स का साथ मिलेगा वह दोनों के लिए ही बेहतरीन समय होगा। अगर आपकी मां वर्किंग हैं, तो आप समय की कीमत को समझेंगे और अपने पैरेंट्स के साथ झगड़ने की बजाए उनके साथ क्वाॅलिटी समय बिताएंगे। स्ट्राॅन्ग पर्सनैलिटी जब आपकी मां काम पर जाती है, तो आपको यह पता होता है कि आपको अपने काम खुद करने हैं। इतना ही नहीं उनकी अनुपस्थिति में जरूरत पड़ने पर आपको छोटे-छोटे निर्णय भी खुद ही लेने हैं। स्थितियों को बहादुरी से संभालने की आदत और आत्मविश्वास, बड़े होने पर मज़बूत व्यक्तित्व का मालिक बनाने में मददगार साबित होती हैं।
नहीं रहते किसी पर निर्भर आपकी मां वर्किंग हैं, तो आप आत्मनिर्भर बनेंगे। आप अपने किसी भी काम को खुद ही आसानी से करेंगे। इस बात का इंतजार नहीं करेंगे कि कोई आकर आपके कामों को करेगा। वर्किंग मां के बच्चे काॅन्फिडेंट होने के साथ-साथ इंडिपेंडेंट भी होते हैं, उन्हें कोई भी काम करने के लिए किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होती है।हर समस्या का समाधान मां के आस-पास ना होने की वजह से आप अपनी गलतियों के लिए खुद जिम्मेदार होते हैं, इसलिए उसका समाधान भी आपको ही करना होता है। मां के पास ना होने की अवस्था में चोट लगने पर, किसी से लड़ाई होने पर आप उनके पास रोकर अपनी शिकायत नहीं कर पाएंगे। ऐसे में आपके अंदर अपनी समस्याओं से जूझने और उसका समाधान खुद ही ढूंढने का हुनर खुद ब खुद विकसित हो जाएगा। मेहनती और भावनात्मक होते हैं जिन बच्चों के दोनों पैरेंट्स वर्किंग होते हैं, उन्हें इस बात का एहसास होता है कि कोई भी चीज़ आसानी से नहीं मिलती, उसके लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है। बचपन से वो अपने घर में यह देखते हैं कि परिवार की आर्थिक और घरेलू जिम्मेदारियों को निभाने में उनके पैरेंट्स एक-दूसरे की मदद करते हैं। यही वजह है कि ऐसे बच्चों को यह पता होता है कि उनकी मां जो भी चीज उनके लिए लाती है या बनाती है, उसके लिए मां ने खास एफर्ट लगाए हैं। ये सारी बातें बच्चों में मेहनत करने की सीख देती हैं। वास्तव में ऐसे बच्चे बेहद समझदार होते हैं उन्हें अपनी मां की भावनाओं की कद्र होती है।