उपहार सोच समझ कर दें

उस दिन मिसेज वर्मा के नव निर्मित घर का नांगल था। घर बेहद खूबसूरत था और पार्टी भी बहुत अच्छी रही। लगभग सभी आमंत्रित व्यक्ति पधारे थे । पड़ोसी होने के नाते बाद में जब उनसे भेंट करने मैं पहुॅची तो वो बड़ी परेशान दिख रही थी। कारण था कि आमंत्रित मेहमानों में उन्हें ऐसे उपहार दिए थे, जिसमें से कई काम के ही नहीं थे। नए घर में ऐसे गिफ्ट कहाॅ रख,े उनका क्या करें, वो सोच के परेशान थी। अक्सर हममें से कई लोगों के समक्ष वह परेशानी आ जाती है कि कई विशेष अवसरों पर क्या उपहार दें समझ नहीं आता।

उपहार देना एक कला है और यह न केवल आपकी व्यक्ति के प्रति भावनाएॅ दर्शाता है बल्कि आपके रिश्ते भी बनाता या बिगाड़ता है। उपहार देने में कुछ बातों का ध्यान रखें- उपहार में यह न दें-
पालतू पशु-पक्षी, टी.वी. विज्ञापनों में दिखाए टोकरी में रिबन लगे पिल्ले, तोते, बिल्ली बडे अच्छे लगते हैं पर उपहार लेने वाले को यदि इनकी कद्र न हो अथवा सम्भालने में परेशानी आ रही हो तो कुछ दिन बाद ही यह महॅगे गिफ्ट सड़को में घूमते मिल जायेगें । आपने तो किसी बेघर जानवर को आसरा दिलवाया पर हो गया उल्टा इसलिए जब तक निकट से न जानते हो किसी को ये उपहार मत दीजिए ।
परफ््यूमज- आपके लिए सिर्फ और सिर्फ आप ही तय कर सकते है कि कौनसा परफयूम उपयुक्त है । डीओडरेन्ट, स्प्रे, कोलोन व्यक्ति के स्वभाव मूड त्वचा व पसंद पे निर्भर करते हैं । किसी को भी कोई सा भी परफ्यूम गिफट्् न करे यह उस पर सूट करे जरूरी नहीं ।
सेल्फ हैल्प बुक्स- किसी भी व्यक्ति को सेल्फ हैल्प किताबें देकर आप उसके आत्म सम्मान को चोट पहुॅचाते है। सैल्फ हैल्प किताबें स्वयं के लिए खरीदी जाये तो अच्छी हैं पर दूसरों को कदापि न दंे। यह उनके प्रति आपकी नेगेटिव अप्रोच ही जाहिर करेगी ।
धार्मिक किताबें अथवा मूर्तियाॅ- आपके द्वारा उपहार में दी गई धार्मिक किताबंे, मूर्तियां, पाने वाला उतने ही ध्यान से रखेगा इससे आश्वस्त हो लें । धर्म आस्था विश्वास, हमेशा व्यक्तिगत होते हैं अतः ऐसी सामग्री उपहार में देने से बचना चाहिए।घर के नाॅगल में भगवान की मूर्ति नहीं देनी चाहिए । आप की तो मंगल भावनाएॅ होती है पर सामने वाले के धर्म व विश्वास का पता नहीं होता। भगवान की मूर्तियाॅ हर जगह पर आप रख भी नहीं सकते है। पेड़ पौधे- पेड़ पौधे उपहार में देना परोपकार है पर तब, जब प्राप्तकत्र्ता उसकी देख रेख पर दृढ़ प्रतिज्ञ हो अन्यथा एक पौधे को मार डालने का पाप आपको लगेगा।
उपहार हमेशा मौके के हिसाब से दें । उपहार देते वक्त जिसे दे रहे है उसकी उम्र व पसंद-नापसंद का ध्यान रखें।उपहार देते वक्त ध्यान रखें कि वह काम आने योग्य हो। सिर्फ देने के लिए उपहार ना दे । बच्चे व बड़ों को उपहार उम्र के अनुसार दे। अधिक निकट हो तो पूछक,े आवश्यकता की चीजें दी जा सकती है । बहुत पुराना पड़ा उपहार मत दीजिए। घर से उपहार दे रहे हो तो पैकिंग नए कागज में करें। उपहार देते वक्त कंजूसी ना करें । उपहार आपके स्टेटस को दर्शाता है । आप थोड़ी सी राशि यदि खर्च कर के अच्छा उपहार दे सकते हैं तो दीजिए।उपहार पे कुछ लाईने स्वयं की तरफ से यदि लिख के आप दे तो लेने वाले को अच्छा लगेगा और खुशी मिलेगी। उपहारों पे पर्सनल टच उनका मूल्य बढ़ा देता है। उपहार को मन से दीजिए। उसे जबरदस्ती का आब्लीगेशन मत समझिए उसे मन से दीजिए। कोई गिफ्ट समझ न आ रहा हो या दुविधा हो तो नकद पैसे देना ही अच्छा है। नकद पैसे देते वक्त सामने वाले से व्यवहार, रिश्तें और अपनी गरिमा का ख्याल रखें। ग्यारह रूपये या इक्कीस-इकावन रूपये किसी को भेंट न करें। उपहार को औपचारिकता मत बनाइए अच्छा उपहार यदि आप देंगे तो लेने वाला हमेशा याद रखेगा।
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