हमारे शरीर एक भट्टी की तरह है। जो भोजन हम खाते हैं वह हमारे शरीर के अंदर ईंधन का काम करता है। यह ऑक्सीकरण की क्रिया द्वारा शरीर में उष्मा ऊर्जा पैदा करता है। इस क्रिया से एक स्वस्थ व्यस्क आदमी के शरीर में लगभग 100 कैलोरी ऊष्मा प्रति पैदा होती है। यह इतनी ऊष्मा है जो शून्य डिग्री सेंटीग्रेड के 25 किलोग्राम पानी को उबाल सकती है। इस ऊष्मा का हमारे शरीर में क्या होता है?
हमारे शरीर में ऐसी आंतरिक प्रक्रिया होती रहती हैं, जिनसे तापमान नियमित होता रहता है और वह साधारणतः 98.4 डिग्री फारेनहाइट से अधिक नहीं बढ़ता। पसीना आना शरीर की ऐसी क्रिया है जिसके द्वारा शरीर रूपी भट्टी का तापमान स्थिर रहता है। वास्तव में हमारे शरीर के तापमान का नियंत्रण मस्तिष्क में स्थित तापमान केंद्र द्वारा होता है। इस तापमान केंद्र के तीन हिस्से हैं। पहला है नियंत्रण केंद्र, दूसरा गर्म करने वाला केंद्र और तीसरा है ठंडक पैदा करने वाला केंद्र।