हिंदुस्तान में वायु प्रदूषण से दिल की बीमारी का भारी खतरा बना रहता है. यह बात 2019 के एक अध्ययन में सामने आई थी. दक्षिण हिंदुस्तान के उपनगरीय इलाकों में किए गए इस शोध में शोधकर्ताओं ने दावा किया था कि ज्यादातर लोगों को वायु में पाए जाने वाले छोटे-छोटे कणों के कारण दिल का दौरा पड़ने का गंभीर खतरा बना रहता है.
बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की शोधकर्ता कैथरीन टोनी के अनुसार शोध के नतीजों से यह पता चला था कि कम व मध्यम आय वाले राष्ट्रों में वायु प्रदूषण पर व अध्ययन करने की जरूरत है, क्योंकि आबादी व वायु प्रदूषण के स्तर के कारण उच्च आय वाले राष्ट्रों के अध्ययन के मुकाबले इन राष्ट्रों के अध्ययन के नतीजों में बहुत ज्यादा अंतर देखने को मिल सकता है. पूर्व के अध्ययन बताते हैं कि दिल की बीमारी व मौत दर के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार है.
इस शोध के लिए अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने हिंदुस्तान के उन इलाकों के निम्न-मध्यवर्गीय आय वाले लोगों को चुना जहां वायु प्रदूषण अधिक होता हो. अध्ययन में हैदराबाद व तेलंगाना के 3372 लोगों को शामिल किया गया. टीम ने उच्च आय वाले राष्ट्रों में सीआईएमटी (कैरोटिड इंटिमा मीडिया थिकनेस) को मापा, ये बारीक कण 2.5 यूएम व्यास वाले थे.
शोध टीम ने लोगों से यह भी पूछा कि वे खाना बनाने के लिए किस प्रकार के ईंधनों का प्रयोग करते हैं. उनमें ले 60 फीसदी लोग बायोमास ईंधन का प्रयोग करते थे. जहां लोग बायोमास ईंधन का खाना बनाने के लिए प्रयोग करते थे, वहां सीआईएमटी अधिक थी, खासकर वैसे जगह पर जहा हवा आने जाने की व्यवस्था नहीं थी.