कंपनी को उम्मीद इस दवा के जरिए कोरोना से बीमार लोगों का होगा प्रभावी उपचार : अध्ययन

coronavirus Update: नोवल कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में अबतक 66 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं. व 3 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है. वहीं 32 लाख से ज्यादा लोगों ने कोविड-19 को हराकर जिंदगी की जंग जीती है.

दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना की महामारी संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन तलाश कर रहे हैं, पर अभी तक कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है. ऐसे में एक खुशी की समाचार ये है कि अमेरिका की एली लिली कंपनी (Eli Lilly and Company) ने घोषणा की कि उसने कोविड-19 से अच्छा हो चुके एक मरीज के खून के नमूने से दवा बनाई है. जिसका परीक्षण इंसानों पर प्रारम्भ हो चुका है. अमेरिकी दवा कंपनी ने बोला कि कोरोना मरीज को संसार की पहली एंटीबॉडी से तैयार दवा का डोज दिया गया है.
इस दवा को ‘LY-CoV555’नाम दिया गया है. इसे लिली व अब सेल्लेरा बायोलॉजी कंपनी ने मिलकर तैयार किया है. इससे पहले मार्च महीने में लिली कंपनी सेल्लेरा के साथ एंटीबॉडी से कोरोना वायरस के खात्मे के लिए दवा तैयार करने का करार किया था. कंपनी ने अपने बयान में बोला कि पहले चरण के अध्ययन में दवा की सेफ्टी व उसे हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के सहन करने की क्षमता का पता लगाया जाएगा.
कंपनी ने बोला कि अगर ट्रायल पास रहा तो जल्द ही मार्केट में उतार दिया जाएगा. कंपनी ने कोरोना से अच्छा हो चुके मरीज से ब्लड सेंपल लेने के मात्र तीन महीने के अंदर इस दवा को तैयार किया है. LY-CoV555 पहली ऐसी दवा है जिसे कोरोना वायरस के खात्मे के लिए डिजाइन किया गया है. इस दवा के जरिए कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की संरचना को निष्क्रिय किया जा सकता है.
स्वस्थ कोशिकाओं तक नहीं पहुंचेगा कोरोना वायरस LY-CoV555 दवा से कोरोना वायरस शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाएगा व ना ही नुकसान पहुंचा पाएगा. कंपनी ने बताया कि अमेरिका में कोरोना वायरस से अच्छा हुए पहले मरीज के खून के नमूने से एंटीबॉडी ली गई थी. मरीज को फेफड़ों से जुड़ी तकलीफ थी. उसी के आधार पर एंटीबॉडी से दवा को तैयार किया गया है.
कंपनी को उम्मीद है कि इस दवा के जरिए कोरोना से बीमार लोगों का प्रभावी उपचार हो सकेगा. इस दौरान अध्ययन में पता चला है कि दवा से कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन व उसकी सतह पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

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