आयुर्वेद में आम के इन बड़े फायदों के बारे में हुआ खुलासा

आम में विटामिन ए भरपूर होता है, जो आंखों के लिए वरदान है। इससे आंखों की रौशनी बनी रहती है. आयुर्वेद में आम को धूप के असर से बचाव के लिए मददगार माना गया है. कुछ शोधों में भी इसकी पुष्टि हुई है. इसमें कई तत्त्व ऐसे भी हैं जो कैंसर की संभावना को घटाते हैं.

आम में फाइबर व विटामिन सी खूब होता है. इससे बैड कोलेस्ट्रॉल संतुलन बनाने में मदद मिलती है.आम को कच्चा व पका दोनों रूपों में खा सकते हैं. गर्मी में कैरी का पना लू से बचाता है. इससे बने आचार, चटनी स्वादिष्ट होने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. इसमें कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस, विटामिन-ए और सी, पोटैशियम, लौह, कैल्शियम, मैग्नीशियम के अतिरिक्त 25 प्रकार के कैरोटेनॉयड्स होते हैं, जो शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाते हैं. आम के पत्ते रक्त में इंसुलिन का स्तर नियंत्रित कर डायबिटीज से निजात दिला सकते हैं. रात को आम के 4-5 पत्ते थोड़े पानी में उबाल लें. प्रातः काल पत्तों को अच्छी तरह मसलकर पानी छान लें. इसे खाली पेट कुछ दिन तक पीने से लाभ होता है.
आम में ऐसे कई एंजाइम्स होते हैं जो प्रोटीन को तोड़ने का कार्य करते हैं। इससे भोजन जल्दी पच जाता है। साथ ही इसमें मौजूद साइर्टिक एसिड, टरटैरिक एसिड शरीर के भीतर क्षारीय तत्वों को संतुलित बनाए रखता है. आम में आयरन व मैग्नीशियम जैसे तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह खून की कमी को पूरा करता है. गर्भवती व मेनोपॉज की अवस्था वाली स्त्रियों और बच्चों के शारीरिक विकास में सहायक है.
मोटापा कम करने के लिए भी आम एक अच्छा तरीका है. आम की गुठली में उपस्थित रेशे शरीर की अलावा चर्बी को कम करने में बहुत लाभकारी होते हैं. आम खाने के बाद भूख कम लगती है, जिससे ओवर ईटिंग का खतरा कम हो जाता है. आम में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स कोलोन, ब्रेस्ट, ल्यूकेमिया और प्रोस्टेट कैंसर से बचाते हैं. इसमें क्यूर्सेटिन, फिसेटिन तत्त्व कैंसर टिश्यूज को बनने से रोकते हैं.
कैरी आंखों की लाइट बढ़ाने, टॉक्सिन बाहर निकालने व नसें लचीला रखती है. इसमें शुगर और कैलोरी कम होने के साथ पेक्टिन नामक तत्त्व होता है जो पथरी नहीं बनने देता. कैरी की फांक को नमक और शहद के साथ मिलाकर खाने से डायरिया, कब्ज, अपच और पाइल्स में भी फायदा देता है.

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