फल का गुदे में क्यूसिलेज पेक्टिन तथा टेनिन आदि रसायन पाए जाते हैं व फल का गूदा, पत्ते, मूल एवं छाल का चूर्ण तथा पेड़ के अन्य सभी अंग एवं अवयव उपयोग में लिए जाते हैं। केवल इतना ही नहीं बल्कि बेल का चूर्ण बनाने के लिए कच्चा, मुरब्बे के लिए अधपका और ताजे शर्बत के लिये पके हुए फल का उपयोग होता है। कहते हैं बेल का उपयोग स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं इसके फायदों के बारे में।
बुखार - आप सभी को बता दें कि बेल-मूल तथा पेड़ का छाल से बने क्वाथ से विभिन्न तरह के ज्वरों का इलाज किया जाता है। वहीं आयुर्वेदिक चिकित्सा में बेल-मूलों से वात-कफ-पित्त से होने वाले दोषों तथा ज्वरों को ठीक किया जाता है।
अस्थमा - कहा जाता है बेल-पत्रों से बना क्वाथ (काढ़ा) सर्दी-जुकाम के कहर को कम करता है। इसी के साथ ही यह सर्दी से होने वाली श्लेष्मा (कफ) को कम करता है और अस्थमा के प्रसार को धीमा करता है।
आंखों का संक्रमण - कहा जाता है बेल-पत्रों को आंखों में होने वाले विभिन्न संक्रमण तथा सूजन के निदान में व्यवहार किया जाता है। वैसे खासकर से नेत्र-शोधयह बहुत प्रभावी होता है।