Embryo Cryopreservation एक ऐसा प्रोसेस होता है जिसमें एम्ब्रियो (भ्रूण) को फ्रीज़ करके स्टोर किया जाता है। ये IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन का बहुत अहम हिस्सा है। IVF/ICSI एक ऐसा मेडिकल प्रोसेस है जिसमें महिला के एग सेल्स (oocyte) और पुरुष के एग (स्पर्म) को निकालकर लैब में एक खास खास द्रव्य (कल्चर मीडियम) में रखा जाता है। इस कल्चर मीडियम में ही एक नया सेल बनता है जिसे हम एम्ब्रियो कहते हैं। इसके बाद डॉक्टर एम्ब्रियो को महिला के यूट्रेस में इंसर्ट करता है। ये एम्ब्रियो यूट्रेस की दीवार से खुद को जोड़ लेता है इस प्रोसेस को इम्प्लांटेशन कहते हैं। यही एम्ब्रियो इम्प्लांटेशन के बाद बच्चे के रूप में बढ़ता है। IVF प्रोसेस करवाते समय महिला को 8-10 दिन तक हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि उस महिला की ओवरी से बहुत सारे एग सेल्स निकलें। इसी के साथ, पुरुष को मास्टरबेशन के जरिए अपना वीर्य देना होता है। पुरुष के वीर्य में लाखों एग्स होते हैं जिन्हें स्पर्म कहा जाता है। कई सारे फीमेल एग और स्पर्म को एक साथ रख कई सारे एम्ब्रियो बनाए जाते हैं। एक साथ IVF प्रोसेस में कितने एम्ब्रियो महिला के यूट्रेस में इंसर्ट किए जाएंगे इसका फैसला डॉक्टर महिला की उम्र और इससे पहले कराए गए ट्रीटमेंट्स के आधार पर करता है। एक से लेकर तीन एम्ब्रियो तक एक बार में महिला के यूट्रेस में इंसर्ट किए जा सकते हैं। एक से ज्यादा एम्ब्रियो इसलिए इंसर्ट किए जाते हैं ताकि प्रेग्नेंसी का चांस बढ़ सके। इस IVF/ICSI प्रोसेस में कई ऐसे एम्ब्रियो भी बच जाते हैं जो बहुत अच्छी क्वालिटी के होते हैं। इन एम्ब्रियो को फ्रीज़ कर स्टोर किया जाता है और इस प्रोसेस को कहते हैं एम्ब्रियो क्रायोप्रेजर्वेशन।इसे जरूर क्या आपको भी है Irregular Periods की समस्या? इन तरीकों से मिलेगा पूरा आराम
क्यों किया जाता है एम्ब्रियो क्रायोप्रिजर्वेशन?
ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से एक जोड़ा अपने एम्ब्रियो को फ्रीज़ करवाना चाहे-- इस तरह से एम्ब्रियो स्टोर करने का फायदा ये हो सकता है कि अगर पहली बार में IVF प्रोसेस फेल हो गया तो उस जोड़े को दोबारा इंजेक्शन का कोर्स, कई सारी सोनोग्राफी, एग्स कलेक्ट करने की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। - एक महिला अपने एम्ब्रियो को किसी खास ट्रीटमेंट की वजह से भी स्टोर करवा सकती है। जैसे कैंसर आदि के ट्रीटमेंट के बाद महिलाओं के प्रेग्नेंट होने की गुंजाइश कम हो जाती है क्योंकि कीमोथेरेपी और रेडिएशन के कारण सही क्वालिटी के एग्स नहीं बनते। ऐसे में एम्ब्रियो स्टोर करवाना लाभकारी साबित हो सकता है। - अगर IVF करवाने वाले जोड़े ने पहली बार में ही कंसीव कर लिया और सक्सेसफुल डिलिवरी हो गई तो वो कुछ सालों बाद उसी स्टोरी किए हुए एम्ब्रियो का इस्तेमाल कर दूसरा बच्चा भी प्लान कर सकते हैं। - एम्ब्रियो को बर्बाद करने से बेहतर ये भी हो सकता है कि किसी अन्य जोड़े को वो डोनेट कर दिया जाए। ये एक डोनर प्रोग्राम के तहत होता है। - एम्ब्रियो को स्टोर कर उन्हें इंफर्टिलिटी के क्षेत्र में की जाने वाली रिसर्च के लिए डोनेट किया जा सकता है। एग्स के हार्वेस्ट होने के बाद एम्ब्रियो को 1 से लेकर 6 दिन की ग्रोथ (कल्चर) में किसी भी स्टेज पर क्रायोप्रिजर्व किया जा सकता है। हालांकि, सभी एम्ब्रियो को क्रायोप्रिजर्वेशन के लिए नहीं लिया जाता है क्योंकि इस प्रोसेस की सफलता एम्ब्रियो की क्वालिटी पर निर्भर करती है साथ ही ये देखना भी जरूरी है कि आखिर कितने एम्ब्रियो क्रायोप्रिजर्व किए जा सकते हैं। एक बार एम्ब्रियो फ्रीज़ हो गया तो इसके अंदर होने वाली सभी गतिविधियां रुक जाती हैं। यानी न ही एम्ब्रियो में सेल ग्रोथ होगी और न ही ये खराब होगा। जब भी एम्ब्रियो की दोबारा जरूरत होती है तो उन्हें खास तरह से फ्लूइड में रखा जाता है (thaw process) ताकि फिर से उनका विकास हो और वो फ्रीज़िंग स्टेज से बाहर आ सकें। इसे जरूर हार्मोनल असंतुलन और बांझपन को कैसे रोका जा सकता है, आइए जानें
कब तक स्टोर किए जा सकते हैं एम्ब्रियो?
एम्ब्रियो को स्टोर करने के लिए लिक्विड नाइट्रोजन फ्रीज़र का प्रयोग किया जाता है। वो इसके अंदर ही सील कर दिए जाते हैं। इसके अंदर का तापमान माइनर 196 डिग्री के आस-पास होता है। इस तापमान में एम्ब्रियो कई सालों तक स्टोर किए जा सकते हैं। भले ही इन्हें कई सालों तक स्टोर कर लिया गया हो, लेकिन इससे एम्ब्रियो पर कोई खराब असर नहीं पड़ता। अगर आप लंबे समय के बाद भी एम्ब्रियो का इस्तेमाल करना चाहेंगे तो frozen thaw process (FET CYCLE) की मदद से जो बच्चे पैदा होंगे उनमें कोई दोष नहीं होगा।
कितना सुरक्षित है एम्ब्रियो क्रायोप्रिजर्वेशन?
रिसर्च में ये देखा जा सकता है कि एम्ब्रियो को फ्रीज़ कर थॉ (thaw) करने में बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। फ्रोजन एम्ब्रियो से पैदा होने वाले बच्चों में जन्म से जुड़े डिफेक्ट्स की दर उतनी ही होती है जितनी कि बिना फ्रीज़ किए एम्ब्रियो से पैदा होने वाले बच्चों में। हर प्रेग्नेंसी के हिसाब से FET CYCLE का सक्सेस रेट 30-40 प्रतिशत ही होता है।
सार-
1980 के दशक से ही एम्ब्रियो क्रायोप्रिजर्वेशन प्रोसेस की मदद से दुनिया भर में लाखों बच्चे पैदा हुआ हैं और IVF/ICSI के दौरान इस प्रोसेस का बहुत इस्तेमाल होता है। ये एक बहुत ही उपयोगी प्रजनन तकनीक साबित हुई है। डॉक्टर अरुण आर राठी (MBBS, DGO, DNB, FCPS, DFP) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।Referenceshttps://fertility.womenandinfants.org/treatment/fertility-preservation/embryo-freezinghttps://www.sbivf.com/embryo-cryopreservation/Written - Paromita Roy Sarkar16th May 2020