रीमेड्सविर को कोरोना की लड़ाई में क्या जाएगा प्रयोग

नोवेल कोरोना वायर या सार्स-कोविड-02 के संक्रमण को रोकने में अब तक की सबसे अच्छा दवा के रूप में नाम कमा चुकी रीमेड्सविर को अब संक्रमित वयस्कों व बच्चों के उपचार में उपयोग किया जा सकेगा. उपचार में उपयोग करने की अनुमति देते हुए

हिंदुस्तान की शीर्ष दवा नियामक निकाय केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने बोला कि कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षणों वाले बच्चों व वयस्क रोगियों के इलाज में डॉक्टर रीमेड्सविर का उपयोग कर सकेंगे. कोविड-19 के उपचार में रीमेड्सविर को वैश्विक नैदानिक परीक्षणों में अब तक की सबसे भरोसेमंद दवा के रूप में देखा जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस दवा को हिंदुस्तान के ड्रग कंट्रोलर जनरल डाक्टर वी। जी। सोमानी ने अधिकतम पांच-दिवसीय इलाज के रूप में अनुमोदित किया था.
अमरीका की बायोफार्मा कंपनी गिलियड साइंसेज द्वारा निर्मित इस दवा को मुंबई स्थित गिल्ड, जुबिलेंट हॉलिस्टरस्टेयर व पैथॉन मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज के जरिए मुंबई स्थित क्लिनेरा ग्लोबल सर्विसेज द्वारा आयात किया जाएगा. सोमवार को प्रेस समय तक गिलियड को भेजे गए प्रश्न अनुत्तरित थे. हालांकि फर्म ने इस बीच अपने तीसरे चरण के 'सिंपल' परीक्षण के परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि रीमेड्सविर पर अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के रोगियों में दवा लेने पर 11वें दिन स्थितिमें 65 प्रतिशत तक सुधार होने की आसार अधिक थी.

अन्य समाचार