इस महामारी के दौरान कोरोना वायरस (कोविद -19) से पीड़ित लोगों के लिए सर्जरी घातक हो सकती है। एक नए अध्ययन से पता चलता है कि पोस्टऑपरेटिव जटिलताओं से ऐसे लोगों में मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है। यह अध्ययन कोरोना से प्रभावित लोगों के लिए बेहतर उपचार दिशानिर्देश विकसित करने में मदद कर सकता है।
द लांसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, निष्कर्ष 24 देशों के 235 अस्पतालों में भर्ती 1,128 रोगियों के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित थे। ब्रिटेन में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कोरोना संक्रमित रोगियों में अच्छे पोस्टऑपरेटिव परिणाम नहीं पाए। सर्जरी के 30 दिनों के भीतर ऐसे रोगियों में मृत्यु दर लगभग 24 प्रतिशत पाई गई। अपेंडिक्स या हर्निया जैसी साधारण सर्जरी में यह दर 16.3 प्रतिशत थी, जबकि उच्चतम मृत्यु दर (26.9 प्रतिशत) पीठ या पेट के कैंसर की सर्जरी में पाई गई थी। 70 साल और उससे अधिक उम्र के रोगियों में जोखिम अधिक था। इतना ही नहीं, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मृत्यु का खतरा अधिक था। पहले के एक अध्ययन में पाया गया कि उच्च जोखिम वाली सर्जरी में मृत्यु दर 14.9 प्रतिशत थी। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता अनिल भंगू ने कहा, "हम सलाह देते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान सर्जरी पर विशेष ध्यान दिया जाए।"