पैरेंट्स दीजिए ध्यान, घातक होगा आपके बच्चे का ये SITTING पोजीशन, जानिए कैसे..

नई दिल्ली। कहा जाता है कि जिस घर में बच्चे होते हैं उसकी रौनक दोगुनी हो जाती है। उन्हें खेलता देख किसी के भी चेहरे पर मुस्कान आ सकती है। बच्चे वो ही करते हैं जो अक्सर अपने बड़ों को करते देखते हैं। वही बोलने की कोशिश करते हैं, जो वो सुनते हैं। बच्चों को दौड़ना, खेलना, हरदम एक्टिव रहना अच्छा लगता है। लेकिन इन आदतों के साथ कई बार वो कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए। लेकिन हम उनका बचपना समझ कर नजर अंदाज करते हैं और ऐसी चीजें आगे चल कर हमारे बच्चों के लिए ही घातक होती हैं। इन्हीं कई चीजों में से एक है बच्चों के बैठने का तरीका। ये उनकी हेल्थ और उनकी हड्डियों की ताकत बताती हैं। ऐसे में हमें उनके बैठने के तरीके पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है। ज्यादातर पेरेंट्स बच्चे के खाने-पीने व कपड़ों का तो ख्याल तो अच्छे से रख लेते हैं लेकिन वह कैसे उठ-बैठ रहे हैं, उसे नजरअंदाज कर देते हैं।अगर बैठने की आदत व पोश्चर सही न हो तो उन्हें आगे चलकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।कई बार बच्चे खेलते, पढ़ते या टीवी देखते समय अपने पैरों को मोड़कर बैठ जाते हैं, जोकि उनके लिए खतरनाक हो सकता है। ज्यादातर बच्चे अक्सर 'W सिटिंग' पोजीशन में ही बैठे नजर आते हैं लेकिन इस तरह बैठना बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास नहीं होने देता।

विशेषज्ञों के अनुसार 'डब्ल्यू' पोजीशन में बैठने से कूल्हों, घुटनों और जांघों पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा ऐसे बैठने से रीढ़ की हड्डी भी कमजोर हो जाती है।'डब्ल्यू' पोजीशन में बैठने से बच्चों की हड्डी खिसकने का रहता है। इससे वह हड्डियों की बीमारी का शिकार भी हो सकते हैं। इतना ही नहीं, इस पोजिशन में बैठने से बच्चों को लाइफ में आगे चलकर भी हड्डी संबंधी कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका ( american Pediatrician's Association ) में हुए रिसर्च से साबित हुआ है कि गलत बैठने का तरीका बच्चे घरों में अपने खिलौनों से खेलते हुए सीखते हैं। अक्सर खिलौनों को मोड़-तोड़ कर बच्चे देखते हैं। इसी कारण वो अपने शरीर को भी कई बार ऐसी ही पोजिशन में बैठने की आदत डालते हैं। बचपन की हड्डियां आसानी से इस पोजिशन को अपना लेती हैं और यहीं से शुरू होती है परेशानियां। दौड़भाग करने वाले बच्चे अपने शरीर को बेहतर ग्रो करते हैं। उनकी हड्डिया और मांसपेशियां बेहतर तरीके से बढ़ती हैं और वो घर में खेलने वाले बच्चों से कहीं ज्यादा मजबूत होते हैं।
डब्लयू(W ) पोजिशन में बैठने वाले बच्चों में बीमारियां आम पैर शरीर के मुकाबले कमजोर होता है। हड्डियां गलत तरीके से जुड़ जाती है। मांसपेशियां कड़ी हो जाती है। बच्चों में मानसिक और शारीरिक ग्रोथ का धीरे-धीरे कम होने लगता है।तो ये जानने के बाद आप इस बात पर जरूर ध्यान दें कि अगर आप किसी भी बच्चे को 'W' पोजिशन में बैठा देखें, तो तुरंत उसे सही तरीके से बैठना बताएं, साथ ही उस बच्चे के माता-पिता को भी सतर्क करें।

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