सोने के तरीके से चलता है सेहत और स्वभाव का पता.. जानिए क्या और कैसे?

शोधकर्ता और विशेषज्ञों के अनुसार व्यक्ति के बिस्तर पर सोने का तरीका उसके स्वास्थ्य व स्वभाव को दर्शाता है | ज्यादातर लोग तीन तरह से सोते हैं - पेट के बल, करवट लेकर और पीठ के बल | हर किसी की अपनी पसंदीदा मुद्रा होती है जिसमें आप आराम महसूस करते हैं | आइए जानते हैं इनके बारे में..

करवट लेकर सोना-
जो लोग करवट लेकर सोते हैं और गर्भस्थ शिशु की तरह घुटने मोड़ लेते हैं वे आसानी से हार नहीं मानते | ये लोग फिट दिखते हैं लेकिन संवेदनशील होते हैं | इनका दिल व दिमाग खुला होता है | साइट स्लिपिंग के दुष्परिणाम हैं, बांहों व पैरों की नस दबने से दर्द हो सकता है | करवट लेकर सोने से एसिडिटी का प्रवाह बढ़ सकता है | ऎसे लोगों को पीठ व गर्दन पर तकिए का सपोर्ट लेना चाहिए और घुटनों के नीचे पतला तकिया दबाना चाहिए |
पेट के बल सोना-
जो लोग पेट के बल यानी उल्टा सोते हैं और बांहें फैलाते हैं, वे समझौता परस्त इंसान होते हैं | परिस्थितियों पर उनका नियंत्रण नहीं होता | ऎसे लोग निराशा-हताशा व चिंतित मुद्रा में जागकर दिन की शुरूआत करते हैं | स्वास्थ्य के नजरिए से हमें यह समझना चाहिए कि बिस्तर मसाज टेबल नहीं है | मसाज टेबल में सांस लेने के लिए छेद होते हैं | यदि सोते समय गर्दन, रीढ़ की हड्डी की सीध में रहेगी तो सांस लेने में असुविधा होगी |
पीठ के बल सोना-
जो लोग पीठ के बल सोते हैं और भुजाएं तानकर सीधे रखते हैं, वे जिद्दी होते हैं | हुकूमत उनका स्वभाव होता है | जिनकी गर्दन या कमर में दर्द है, उन्हें पीठ के बल सोना चाहिए | इससे रीढ़ की हड्डी और नसों पर कम दबाव पड़ता है | इसके दुष्परिणाम भी हैं, आप खर्राटे भरेंगे या फिर एसिडिटी का प्रवाह बढ़ेगा | इनसे बचने के लिए अपना सिर ऊंचा रखें यानी अतिरिक्त तकिया लगाएं |
बिस्तर पर सोने का सही तरीका क्या है-
वैसे सोने का सही तरीका बायीं ओर करवट लेकर लेटना है | इससे पेट संबंधी समस्याएं नहीं रहती हैं, और आप गहरी नींद में सो पाते हैं | इस तरह से सोने से रक्त का प्रवाह बना रहता है | इससे किडनी को अपना काम करने में मदद मिलती है और पैरों व एडियों में सूजन नहीं आती |

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