1. शहद : शुद्ध शहद एक चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से व्यक्ति के फेफड़े मजबूत होते हैं। इसका 1-2 महीने उपयोग करना चाहिए। ध्यान रहें कि रोग के नष्ट होने के बाद केवल स्वाद के लिए बिना किसी आवश्यकता के शहद का सेवन न करें।
2. अंगूर : फेफड़ों के सभी प्रकार के रोग जैसे यक्ष्मा, खांसी, जुकाम और दमा आदि के लिए अंगूर का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है।
3. अंजीर : फेफड़ों के रोगों में 5 अंजीर को एक गिलास पानी में उबालकर पीना चाहिए। इसका सेवन प्रतिदिन सुबह-शाम करने से फेफड़ों का रोग नहीं होता।
4. लहसुन : लहसुन के प्रयोग से कफ नष्ट होता है। इसलिए खाना खाने के बाद लहसुन का सेवन करना चाहिए।
5. पालक : खांसी, गले की जलन व फेफड़ों में सूजन होने पर पालक के रस से कुल्ला करना चाहिए।
6. दूध : दूध में 5 पीपल व चीनी मिलाकर गर्म करके प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से खांसी तथा फेफड़ों की कमजोरी दूर होती है।
7. तुलसी : तुलसी के सूखे पत्ते, कत्था, कपूर और इलायची समान मात्रा में लेकर 9 गुना चीनी मिलाकर बारीक पीस लेते हैं और यह चुटकी भर की मात्रा में लेकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें। इससे फेफड़ों में जमा कफ नष्ट होकर निकल जाता है।
8. मुलहठी : मुलहठी फेफड़ों की सूजन, गले में खराश, सूजन, सूखी कफ वाली खांसी में लाभ करती हैं। मुलहठी फेफड़ों को बल देती है अत: फेफड़ों सम्बंधी रोगों में लाभकारी हैं। इसको पान में डालकर खाने से लाभ होता हैं। टी.बी. (क्षय) रोग में भी इसका काढ़ा बनाकर उपयोग किया जाता है।
9. गुलाब : 1 कप गुलाब जल को चौथाई कप पानी के साथ दिन में 2-3 बार पीने से सीने में जलन तथा जी मिचलाना आदि रोग दूर हो जाते हैं।
टहलने के बाद गहरी सांस की प्रक्रिया :