तंबाकू का सेवन करने के कारण होने वाले इस बड़े नुकसान के बारे में जाने

लोगों को तंबाकू का सेवन करने के कारण होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने के लिए पूरी संसार में 31 मई के दिन दुनिया तंबाकू निषेध दिवस 2020 (World No Tobacco Day) मनाया जाता है.

इस दिन की आरंभ दुनिया स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा इसलिए की गई थी. इस बार इसकी थीम "युवाओं को इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना व उन्हें तंबाकू व निकोटिन के सेवन से रोकना है" Protecting youth from industry manipulation and preventing them from tobacco and nicotine use”। रखी गई है. तम्बाकू में मादकता या उतेजना प्रदान करने वाला सबसे हानिकारक तत्व निकोटीन (Nicotine) पाया जाता है. इसकी मात्रा शरीर में बढ़ जाने से यह मृत्युदूत कि तरह काम करता है. रिसर्च से पता चला है कि तंबाकू में 28 तरह के कार्सिनोजेनिक तत्व होते हैं जिनसे कैंसर होने कि सम्भावना है. इनमें निकोटीन तथा कार्बन मोनोऑक्साइड गैस प्रमुख हैं. आइए दुनिया तंबाकू निषेध दिवस पर जानते हैं तंबाकू सेवन से हाेने वाले नुकसान के बारे में
कैंसर कैंसर होने के कारणों में सबसे बड़ा सहयोग तम्बाकू का ही होता हैं. तम्बाकू के सेवन से अनेक प्रकार के होने वाले रोगों में कैंसर प्रमुख हैं. इससे फेफड़े का कैंसर होने कि सम्भावना है, मुँह का कैंसर होने कि सम्भावना है या फिर गले अथवा श्वसन नली का कैंसर होने कि सम्भावना हैं. इसके अतिरिक्त पेट का कैंसर, किडनी तथा पैंक्रियाज में होने वाले कैंसर, ब्लैडर व मूत्राशय संबंधी रोगों में भी तम्बाकू जरूरी किरदार निभाता हैं.
फेफड़ों की बीमारी क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फीसेमा ऐसी बढ़ने वाली बीमारियाँ हैं जो धूम्रपान करने वालों को होती हैं. ये बीमारियाँ कभी अच्छा नहीं होती. इनकी वजह से साँस लेना दुश्वार होता चला जाता है. फेफड़ों में रुकावट के कारण साँस लेना भी कठिन हो जाता है.
कोरोनरी हार्ट डिसीज धूम्रपान करने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है साथ ही उच्च रक्तचाप की समस्या भी खड़ी हो जाती है. धूम्रपान करने वालों को दिल के दौरे का जोखिम दूसरों की तुलना में तीन गुना अधिक होता है.
फेफड़े का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे बड़ा आँकड़ा फेफड़े के कैंसर का है. इसमें 80 फीसदी मौतें धूम्रपान की वजह से होती हैं. जैसे-जैसे रोजाना सिगरेट पीने का आँकड़ा बढ़ता जाता है वैसे-वैसे फेफड़े का कैंसर होने की संभावना बढ़ती जाती है.
प्रजनन क्षमता पर असर तम्बाकू का सेवन पुरुष या महिला दोनों के प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, पुरुषों में तम्बाकु के सेवन से शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे नपुंसकता होने कि सम्भावना हैं, जबकि महिलाओं में तम्बाकू के सेवन से बाँझपन होने कि सम्भावना हैं. गर्भावस्था के दौरान गर्भपात हो जाने की संभावना बनी रहती है तथा भ्रूण का विकास प्रभावित होता है.
टीबी तम्बाकू में पाए जानेवाले फोस्फोरल प्रोटिक एसिड के कारण टी। बी। रोग तथा परफैरोल के कारण दांत पीले, मैले व निर्बल हो जाते हैं. तंबाकू से होने वाले ल्यूकोप्लाकिया (leukoplakia) रोग के कारण आपके दांत व मसूड़े सड़ने लगते हैं.
अस्थमा का खतरा तम्बाकू का ज्यादा नशा करने से स्वाद तथा सूंघने की शक्ति प्रभावित होती हैं. साथ ही Asthma(दम्मा) तथा कई असंक्रामक रोग हो जाते हैं.

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