हैंड सेनिटाइजर से बढ़ सकती है आपकी स्कीन की एलर्जी और सिर दर्द की समस्या

हैंड सेनिटाइजर के प्रयोग से स्कीन की एलर्जी और सिर दर्द की समस्या बढ़ने लगी है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जेएलएनएमसीएच) और सदर अस्पताल से लेकर तमाम स्किन स्पेशियलिस्ट एवं फिजिशियन के पास उपचार के लिए आने वाले मरीज बता रहे हैं कि जब से वे हैंड सेनिटाइजर का प्रयोग करने लगे, तब से उन्हें सिर दर्द, चक्कर आना प्रारम्भ हो गया. यहां तक कि स्कीन का रंग सांवला पड़ रहा है.

डॉक्टर भी हैंड सेनिटाइजर में उपस्थित केमिकल एथनॉल, एन प्रोपनॉल, आइसोप्रोफाइल नामक ड्राई अल्कोहल को स्किन एलर्जी, सिर दर्द एवं चक्कर के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं.
त्वचा में उपस्थित अच्छे बैक्टीरिया के लिए नुक्सानदेह: वरीय फिजिशियन डाक्टर राजीव सिन्हा बताते हैं कि मायागंज अस्पताल से लेकर उनकी क्लीनिक में हर रोज 15 से 20 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जो कह रहे हैं कि जबसे हैंड सेनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें अक्सर सिर दर्द के साथ चक्कर आने लगा है. डाक्टर सिन्हा का बोलना है कि सेनिटाइजर के अधिक प्रयोग से स्कीन में उपस्थित अच्छे बैक्टीरिया मर जाते हैं. इसके अतिरिक्त इसके सूंघने से सिर दर्द की समस्या हो सकती है. वहीं, डाक्टर राजू के अनुसार सदर अस्पताल के ओपीडी में हर रोज स्किन एलर्जी, खुजली, धूप-धूल से एलर्जी से जुड़े 20 से 25 मरीज आ रहे हैं, इनमें भी वही लक्षण हैं.
एथनॉल, एन प्रोपनॉल और आइसोप्रोफाइल नामक ड्राई एल्कोहल जिम्मेदार: स्कीन एवं सौंदर्य रोग विशेषज्ञ डाक्टर दिव्या सिंह बताती हैं कि हैंड सेनिटाइजर में उपस्थित केमिकल से स्किन एलर्जी, सिर दर्द एवं चक्कर आने की समस्या, स्कीन में खुजली होने, धूप एवं धूल से एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है. बार-बार हैंड सेनिटाइजर के प्रयोग से स्कीन में उपस्थित नैचुरल तेल खत्म हो जाता है, जिससे स्कीन सूखने लगती है व खुजली होने लगती है. सेनिटाइजर में उपस्थित केमिकल्स की वजह से हार्मोनल परेशानी हो सकती है. इससे गर्भधारण में समस्या हो सकती है. इसके अतिरिक्त सेनिटाइजर में उपस्थित केमिकल के कारण शरीर की इम्यून पॉवर कम हो जाता है. ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे हैंड सेनिटाइजर के बजाय हैंडवॉश से कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोएं.
सेनिटाइजर के साइड इफेक्ट- हार्मोनल दिक्कत, गर्भधारण में समस्या संभव, सूंघने से सिर दर्द की समस्या,स्किन एलर्जी, खुजली, धूप-धूल से एलर्जी. प्रतिदिन अस्पतालों में आ रहे हैं 30 से 35 मरीज डॉक्टरों की सलाह- हैंडवॉश का करें प्रयोग ज्यादा

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