नई दिल्ली: विश्व के अधिकतर देश कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहे हैं। इसका अन्य क्षेत्रों के साथ ही पर्यटन पर भी गहरा असर पड़ा है।
संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा निलंबित है और आने वाले दिनों में यहां बाहरी पर्यटकों के आने की संभावना नगण्य है।
एस. पी. जैन ग्लोबल की ओर से आयोजित वैश्विक लक्जरी बिजनेस पैनल के अनुसार, आतिथ्य एवं विमानन क्षेत्र (हॉस्पिटैलिटी एवं एविएशन सेक्टर) कोविड-19 के कारण सबसे अधिक प्रभावित हैं। भारतीय आतिथ्य उद्योग को 4.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
हालांकि उद्योग के चौथी तिमाही में वापसी करने का अनुमान भी है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों पर देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण इनबाउंड और आउटबाउंड पर्यटन ठंडा रहने की ही उम्मीद है। घरेलू कॉर्पोरेट यात्रा में भी देश में व्यवसायों की स्थिति के आधार पर असर देखने को मिल सकता है। हालांकि घरेलू अवकाश यात्रा में फिर से उछाल आ सकता है और यह उद्योग को महामारी के बाद उबरने में मदद करने का एक प्रमुख कारक होगा।
आईजे ड्रीम वकेशन के निदेशक देबाशीष मैत्रा ने आईएएनएस को बताया, शुरुआत में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोग भारत की यात्रा करेंगे। कुल मिलाकर इनबाउंड टूरिज्म में धीमी वृद्धि देखी जा सकती है। हालांकि भारत हमेशा से ही अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी एक पसंदीदा और किफायती स्थान रहा है। इसलिए हम 2021 तक सामान्य स्थिति की उम्मीद कर सकते हैं।
स्टर्लिग हॉलिडे रिसॉर्ट्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रमेश रामनाथन के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा कम से कम इस वर्ष के लिए धीमी रहने की उम्मीद है। उन्होंने ईमेल के जरिए कहा, गंतव्य को शॉर्ट लिस्ट करते समय सुरक्षा, स्वच्छता, सामाजिक दूरी जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। भारत में हिल स्टेशनों, समुद्र तटों, जंगलों, सांस्कृतिक स्थलों और अन्य प्रतिष्ठित एवं शानदार स्थानों की भरमार है और भारतीय यात्रियों की ओर से अपने करीबी लोगों के साथ तनाव मुक्त, पॉकेट-फ्रेंडली घरेलू छुट्टी की योजना बनाने की सबसे अधिक संभावना है।
रामनाथन ने कहा कि कई लोग कोविड-19 के तनाव को दूर करने के लिए जुलाई से बुकिंग कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि स्थिति सही होने में तीन से छह महीने और लगेंगे।
-आईएएनएस