अगर आपने रामायण देखी है तो इस में एक चरित्र मंथरा है, जिसके बारे में आपने कई कहानियां नहीं सुनी होंगी। मंथरा को कुछ कथा वाचक रामकथा की मुख्य खलनायिका तक करार देते हैं। कहा जाता है कि उसी के कारण राम को वनवास भोगना पड़ा था।
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ये बात आपको पता नहीं होगी कि मंथरा दासी नहीं, कैकेयी की बहन थी? कैकेयी अयोध्या नरेश दशरथ से विवाह के बाद मंथरा को अपने साथ लेकर आ गयी थी।
कैकेयी अस्ल में, कैकेय राज्य के राजा अश्वपति की बेटी थीं। राजा अश्वपति का एक भाई वृहदश्रव था और उसकी बेटी थी राजकुमारी रेखा। राजकुमारी रेखा को ही हम मंथरा के रूप में जानते हैं। वह दिखने में बेहद ही खूबसूरत और बुद्धिमान थी लेकिन उसे अपने रूप पर बहुत अहंकार भी था।
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हमेशा अपने सुंदर रूप को इसी तरह बनाए रखने के लिए उसने एक शरबत का सेवन कर लिया था इसके बाद उसका रूप बिगड़ गया। अपना ये रूप देख कर उसका मानसिक संतुलन भी वो खो बैठी।
राजकुमारी रेखा के कुरूप हो जाने के बाद भी कैकेयी का जुड़ाव उससे बना रहा इसलिए वह विवाह के बाद उसे अपने साथ अयोध्या ले गई। लेकिन सब उसे कैकयी की दासी ही समझते थे। उसी ने कैकयी को राम को वनवास भेजने के लिए भड़काया था।