देश में जिस तरह से राजनीतिक हलचल चल रहती है, उसे लेकर लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आती रहती है, लेकिन जिस तरह राजनीती में हलचल और गृह युद्ध का मंज़र लोगों को देखने को मिला उसे लेकर लोगों ने कई तरह के कयास लगाये, जिसमे एक बात सामने आई कि यदुवंशियों को गांधारी का श्राप है।
यदुवंशियों को गांधारी का श्राप -
महाभारत युद्ध के बाद जब गांधारी ने अपने सौ पुत्रों के शव युद्ध भूमि में देखे को करुण क्रुन्दन करने लगीं| उनकी ये स्थिति देख श्री कृष्ण खुद को उन्हें सांत्वना देने से रूक नहीं पाए, शायद यही यदुवंशियों के विनाश का कारण बना| कृष्ण को अपने सामने देखते ही गांधारी का परा सातवें असमान पर चढ़ गया| वो उन्हें इस सबका दोषी मानते हुए कौरवों के नाश का कारण मानती रहीं, उन्होंने कृष्ण को श्राप दिया की जिस तरह कौरवों का नाश हुआ है उसी तरह यदुवंशियों का भी नाश होगा|
श्राप के बाद श्री कृष्ण के माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ दिख रही थीं, वे द्वारिका लौट आये, साथ ही यदुवंशियों ने अपने साथ अनाज आदि का भंडारन भी कर लिया|,ऐसा माना जाता है कि उस अनाज को ब्राह्मणों को डान करने के बाद श्री कृष्ण ने यदुवंशियों से मृत्यु का इंतज़ार करने की बात कही थी।
इस तरह से ये यदुवंशियों को गांधारी का श्राप है जिसकी असर आज भी सपा में दिखाई दे रही है।