नई दिल्ली। कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और आयुर्वेदिक रेमेडीज कंपनी पतंजलि ग्रुप ने दावा किया है कि वह कोविड-19 की दवा को क्लिनिकल ट्रायल के लिए लांच किया है। यह लांचिंग रेगुलटर की मंजूरी के बाद की गई है। पतंजलि ग्रुप के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने एक मीडिया हाउस को दी जानकारी में कहा कि हम इम्युनिटी बूस्टर की बात नहीं कर रहे हैं। हम क्योर के बारे में बात कर रहे हैं।
बालकृष्ण ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल इंदौर और जयपुर में शुरू हुआ है। पतंजलि को पिछले हफ्ते इसकी मंजूरी मिली थी। पतंजलि का यह दावा ऐसे समय में आया है, जब बड़ी फार्मा कंपनियां अभी तक इसे लांच करने के लिए भागमभाग कर रही हैं। जीएसके, जांसन एंड जांसन, फाइजर जैसी कंपनियां अभी भी सफल वैक्सीन का पता लगाने में दौड़ रही हैं।
50,000 कर्मचारी हैं पतंजलि में पतंजलि की स्थापना योग गुरू बाबा रामदेव ने की थी। इसमें करीबन 50,000 कर्मचारी जुड़े हैं। वित्तीय वर्ष 2019 में पतंजलि आयुर्वेद का कुल टर्नओवर 8,500 करोड़ रुपए था। कंपनी के प्रमुख संस्थानों में पतंजलि युनिवर्सिटी, दिव्य योग मंदिर, पतंजलि योगपीठ, पतंजलि रिसर्च, पतंजलि ग्रामोद्योग, पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि बायो रिसर्च, योग संदेश आदि हैं।
फरवरी से चल रहा ट्रायल का काम ब्रोकर्स हाउस सीएलएसए और एचएसबीसी पतंजलि को एक तेजी से बढ़ती हुई एफएमसीजी कंपनी के रूप में देख रहे हैं। कंपनी का फोकस और विस्तार पूरी तरह से स्वदेशी है। बालकृष्ण के मुताबिक ग्रुप फरवरी 2020 से कोविड-19 की वैक्सीन की तैयारी कर रहा था। मार्च तक हमने कई हजार लोगों पर ट्रायल किया। लेकिन वह क्लिनिकल ट्रायल का किसी सबूत के रूप में नहीं किया गया था। उनके मुताबिक क्लिनिकल ट्रायल आसान नहीं था। ग्रुप को तमाम सरकारी क्लीयरेंस चाहिए था, ताकि आगे बढ़ा जा सके। पतंजलि के पास तीन लैबोरेटरीज हैं। इसमें से एक लैब कोविड-19 के लिए बनाया गया है।