Coronavirus: कोरोना ने ज्यादातर (Coronavirus) देशों में तबाही मचा रखी है। पिछले कई महीनो से शुरू हुआ ये वायरस(Virus) खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हालातों को देखहुए भारत समेत कई देशों ने लॉकडाउन (Lockdown)किया हुआ है। चारों तरफ कोरोनावायरस के कारण निराशा फैली हुई है। कई देश कोरोना वायरस पर तरह तरह कि रिसर्च कर रहे हैं(Corona Research)। रिसर्च में कोरोना को लेकर नई बातें सामने आ रही हैं। वहीं हाल में खुलासा हुआ है कि कोरोना से इंफेक्टेड होने के 11 दिन बाद पीड़ित (Corona Patients) से दूसरों को कोरोना फैलने का डर नहीं हैं। भले ही उसका टेस्ट पॉजिटिव (Corona Positve) क्यों न आए।
इंफेक्टेड होने के 11 दिन बाद मरीज से दूसरों को इंफेक्शन का खतरा नहीं है
यह खुलासा सिंगापुर के रिसर्चर्स(Researchers) ने किया है। सिंगापुर के संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ.अशोक कुरुप ने बताया कि कोरोना से इंफेक्टेड होने के 11 दिन बाद मरीज से दूसरों को इंफेक्शन का खतरा नहीं है। 11 दिन बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा सकता है भले ही उसका टेस्ट पॉजिटिव क्यों न हो।
रिसर्च 73 पीड़ितों पर की गई
यह रिसर्च 73 पीड़ितों पर की गई। वहीं रिसर्चर्स(Reseachers) का कहना है कि इस नतीजे से अस्पताल में पीड़ितों को जल्द डिस्चार्ज (Corona Patients May Be Discharged)करने में काफी मददगार साबित होंगे। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मेडिकल फेसिलिटी मिल सकेंगी।
कई बार पीड़ितों के टेस्ट में वायरस के डेड सेल्स मिलने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है
हाल ही में नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शियस डिसीज ने रिपोर्ट रिलीज की है। जिसमें रिसर्चर्स ने बताया कि कई बार पीड़ितों के टेस्ट में वायरस के डेड सेल्स मिलने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। वहीं इससे वायरस के फैलने का खतरा नहीं होता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पीड़ित के इलाज के 2 हफ्ते बाद तक रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है।
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फिलहाल रिर्सच अभी चल रही है
रिसर्चर्स ने बताया कि वायरल के रेप्लिकेशन (अपनी संख्या बढ़ाने) होने का खतरा बीमारी के पहले ही हफ्ते में होता है। बीमारी के दूसरे हफ्ते में वायरस रेप्लिकेशन की स्थिति में नहीं पाया गया। वहीं डॉक्टर अशोक ने बताया कि फिलहाल रिर्सच अभी चल रही है।