कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से देशभर में चिंता बढ़ी!

प्रवासी मजदूरों के एकमुश्त पलायन के बाद कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ने की आशंका के चलते केंद्र सरकार अब संक्रमण का पता लगाने के लिए नई रणनीति बना रही है।

हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, इसके तहत जल्द ही देश में कोरोना के रोजाना 2 लाख मामले की जांच की जा सकेगी। गौरतलब है कि हाल ही दल्लिी,महाराष्ट्र,गुजरात सहित देश के बड़े महानगरों से मजदूरों का अपने गृह राज्य की ओर तेजी से पलायन हुआ है।
लेकिन बहुत सारे राज्यों में स्वास्थ्य ढांचा बेहतर न होने के चलते सरकार की चिंता बढ़ गई है। जबकि इन राज्यों के सामने कोरोना मरीजों की जल्द से जल्द पहचान करने की चुनौती है।
इसको देखते हुए सरकार ने इंटलिजेंट टेंस्टिंग स्ट्रेटजी को विकसित किया है,ताकि भारत में कोरोना टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ाई जा सके। बतादें कि भारत में इस समय 609 लैब के माध्यम से कोरोना की जांच हो रही है,इसमें 431 सरकारी व 178 निजी लैब शामिल हैं।
इनके माध्यम से अब रोजाना 1 लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच हो रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में अब इसकी क्षमता बढ़ाकर 2 लाख रोजाना करने की तैयारी हो रही है।
इसके लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। आईसीएमआर ने आरटी-पीसीआर परीक्षण के अलावा जो राज्य टीबी उन्मूलन कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं,उन्हें कोविड-19 परीक्षण के लिए ट्रूनेट मशीन की तैनाती के लिए कहा है।
यह बैटरी संचालित मशीन है,जो एक साथ दो नमूनो की जांच कर सकती है और एक से डेढ़ घंटे के भीतर परिणाम दे देती है। इस मशीन के माध्यम में उन जिलों में परीक्षण शुरू हो गया है जहां वायरोलाजिकल लैब नहीं हैं।
इसके अलावा आईसीएमआर कोरोना की जांच के लिए एलिसा के उपयोग पर भी काम कर रहा है। साथ ही दल्लिी,बंगाल व बिहार जैसे राज्यों में ह्यकोबास 8800ह्णमशीने भी लगाई इससे रोजाना तकरीबन 4000 परीक्षण किया जा सकेगा।

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