अब तक कई हुए कई अध्ययनों में इस बात का दावा किया गया था कि विटामिन डी की उच्च खुराक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सहायक हो सकती है.
लेकिन हाल ही में हुए एक नए अध्ययन में खुलासा किया गया है कि विटामिन डी सप्लीमेंट की हाई डोज न ही कोविड-19 से बचाने में सहायक व न ही इसके उपचार में कोई किरदार निभाती है. अपितु ज्यादा खुराक स्वास्थ्य को नुकसान अवश्य पहुंचा सकती है. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के वैज्ञानिकों ने यह बात कही है. वैज्ञानिकों ने बताया कि ऐसा कोई प्रमाण अब तक नहीं मिला है.
विज्ञान पत्रिका बीएमजे न्यूट्रिशन, प्रिवेंशन एंड हेल्थ में प्रकाशित रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बोला कि जब तक कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिल जाता, तब लोगों को हर हाल में विटामिन डी की हाई डोज से बचकर ही रहना चाहिए.
Vitamin D एक हार्मोन है. सूर्य के प्रकाश में स्कीन में इसका निर्माण होता है. शरीर में कैल्शियम व फॉस्फेट की मात्रा को नियमित करने में यह मदद करता है, जिससे हड्डी, दांत व मांसपेशियों का स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है.
शोधकर्ता सू लेनहेम न्यू ने कहा, 'संपूर्ण स्वास्थ्य की दृष्टि से शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा बहुत महत्वपूर्ण है. इसकी मात्रा बहुत कम हो जाए तो रिकेट जैसी समस्या हो सकती है. वहीं अगर मात्रा बेहद हो जाए तो शरीर में कैल्शियम का स्तर भी बढ़ जाएगा व शरीर पर बुरा असर पड़ेगा.'
वैज्ञानिकों को अब तक कोविड-19 से बचाव में विटामिन डी की हाई डोज की किरदार का कोई प्रमाण नहीं मिला है. ऐसे में चिकित्सकों की उचित सलाह व देखरेख के बिना विटामिन डी का ज्यादा सेवन दुष्प्रभाव का कारण बन सकता है. विटामिन डी ही नहीं, कोविड-19 से बचाव के नाम पर ऐसे किसी भी विटामिन या अन्य तत्व का ज्यादा सेवन खतरनाक है, जिसको लेकर कोई पुष्ट वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हो.