कान के संक्रमण की सटीक पहचान करना सरल नहीं है. लक्ष्ण अक्सर अन्य बीमारियों के साथ भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं. लेकिन वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चिकित्सकों के लिए इसे सरल बना दिया है.
शोधकर्ताओं ने ऐसी ऐप बनाई है जो सिर्फ कागज व Smart Phone का प्रयोग कर कान के 'इयरड्रम' के पीछे उपस्थित किसी भी तरह के तरल पदार्थ का पता लगाकर सटीक उपचार करने में मदद कर सकता है. इस Smart Phone ऐप में इस तकनीक को उपयोग करने के सारे आदेश उपस्थित हैं. अमरीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन डेफनेस एंड अदर कम्युनिकेशन डिसऑर्डर के अनुसार बच्चों में कान का संक्रमण सबसे सामान्य कारणों में से एक हैं. यह ऐप चिकित्सकों को यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि बच्चे को कान के संक्रमण से कठिनाई है या उसे कोई व तकलीफ है. यह न केवल चिकित्सकों व परिजनों का समय बचाता है बल्कि संक्रमण के मुद्दे में एक बड़ी राहत भी है. अच्छी बात ये है कि इस ऐप को चलाने के लिए बेहद तकनीकी तामझाम की जरुरत नहीं है, बस नियमित उपयोग में लेने वाले सामान्य कागज व सामान्य Smart Phone से इसे कार्य में लिया जा सकता है.
ऐसे कार्य करता है ऐप- ऐप Smart Phone के स्पीकर व माइक्रोफोन का उपयोग कर कान कैनाल में एक ऑडियो सिग्नल को पेपर कोन के माध्यम से अंदर भेजता है व पुन: सिग्नल प्राप्त करता है. कागज को अंदर-बाहर कर सिग्नल को बार-बार चेक किया जाता है. यह तकनीक चमगादड़ की ' इकोलोकेशन' प्रणाली की तरह कार्य करती है. ऐप कान में कागज के जरिए 150 मिली सेकंड की दर से चहचहाने जैसी ध्वनि भेजता है जो कान की दीवारों से टकराकर वापस आती है. इसे Smart Phone का माइक्रोफोन कैच कर लेता है. संक्रमण के कारण अगर कान में कोई रुकावट होगी तो ध्वनि के सिग्नल को को प्रभावित करती है. ऐप ध्वनि तरंगों की विविधताओं के आधार पर ईयरड्रम के पीछे तरल पदार्थ की मौजूदगी की आसार का अंदाजा लगता है. इस प्रणाली के लिए किसी औपचारिक प्रशिक्षण की जरूरत नहीं है.
परीक्षण में भी उतरा खरा- इस ऐप की सटीकता पेशेवर ध्वनिक परावर्तक प्रणाली के बराबर थी जिसे परीक्षण की जाँच के लिए उपयोग किया गया था. ऐप बनाने वाली टीम के जस्टिन चान ने बोला कि यह ध्वनि के पानी से भरे किसी गिलास को छूकर वापस आने जैसा है. गिलास में पानी की मात्रा ध्वनि पर प्रभाव डालती है. वैसे ही इयरड्रम के पीदे उपस्थित तरल से टकराने पर ध्वनि भिन्न-भिन्न ध्वनि प्रसारित करती है. ऐप ने परीक्षण में 25 मरीजों के कान की जाँच कर 19 में से 18 मरीजों के कान में संक्रमण की सटीक पुष्टि की. शोधकर्ताओं का बोलना है कि आज सभी के पास Smart Phone सरलता से मिल जाते हैं. ऐसे में यह तकनीक दूर-दराज के गांव में कान के संक्रमण से जूझ रहे रोगियों के उपचार में चिकित्सकों की मदद कर सकेंगे.