बिना किसी उपकरण के सिर्फ शरीर के वजन के साथ किए जाने वाले व्यायाम बॉडीवेट अभ्यास कहलाते हैं. ये व्यायाम करने से सारे शरीर की एक्सरसाइज़ होती है इसलिए इन्हें बतौर वॉर्मअप सबसे पहले किया जाता है.
ये व्यायाम हर स्तर के लोग कर सकते हैं, चाहे वे लंबे समय बाद व्यायाम करना प्रारम्भ कर रहे हों या फिर हर दिन व्यायाम करते हों. आज हम आपको ऐसे ही तीन बॉडीवेट अभ्यास के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आपको दो सेट में दस से 15 बार करना होगा.
ब्रिज- इसमें शरीर के कोर एरिया व पीठ के हिस्से के बीच ऐसी समन्वय करना होता है कि पूरा शरीर एक पुल की आकृति बनाता दिखे. यह वार्मअप के लिए बेहतरीन व्यायाम है. इसे करने के लिए आप पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं, घुटने मुड़े रहेंगे व पंजा जमीन पर सीधा रहेगा. दोनों हाथों को जमीन पर सीधा रखें. अब शरीर के कोर एरिया को पैरों की ओर ढकेलने का कोशिश करें. अपने पिछले हिस्से को जमीन से ऊपर तब तक उठाएं, जब तक नितंब पूरी तरह उठ नहीं जाता. अब स्टार्ट पोजिशन में लौटें व व्यायाम को दोहराएं. लाभ : यह नितंब व नितंब से जांघ के बीच की मांसपेशियों की जकड़न दूर करती है. साथ ही उदर और पीठ पर मांसपेशियों पर भी सकारात्मक प्रभाव होता है.चेयर स्क्वॉट- कुर्सी के सामने खड़े हो जाएं, दोनों पैर व बांहें खुली रहेंगी व पंजे आशिंक रूप से बाहर की ओर केंद्रित होंगे. शरीर का वजन नितंब पर ले जाएं व घुटने को झुका लें. अब निचले हिस्से को इतना नीचे ले जाएं कि वह कुर्सी की सतह को छू जाए. आपके दोनों हाथ सामने की ओर खुले रहेंगे, अब पैर के बल पुशअप करें व रिटर्न पोजिशन में लौटें.
लाभ : यह व्यायाम करने से पैर व शरीर के मुख्यभाग को मजबूती मिलती है जिससे रोजमर्रा की शारीरिक गतिविधियां करने में हम थकावट महसूस नहीं करते. नी पुशअप- स्टैंडर्ड पुशअप सीखना चाहते हैं तो नी-पुशअप से शुरूआत करें. इसे करने के लिए घुटने व दोनों हाथों के बल जमीन पर प्लांक की अवस्था में आ जाएं. इसमें शरीर का पूरा भाग हवा में रहेगा व सिर से घुटने तक शरीर एक रेखा में रहना चाहिए. अब अपनी कोहनी मोड़कर खुद को जमीन तक झुकाएं. कोहनी को जमीन से 45 अंश के कोण पर रखें. अब कोहनी को ऊपर ले जाते हुए शरीर को ऊपर ले जाएं. फिर स्टार्ट पोजिशन में लौटें व दोहराएं.
लाभ : यह शरीर की मेटाबोलिक दर बढ़ाता है व हड्डी क्षरण को कम करता है. साथ ही शरीर के कोर एरिया की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.