चिंताजनक डाक्टर मिलर ने बोला कि गर्भनाल का निर्माण अलावा साम्रगी से होता है. अगर सिर्फ आधा गर्भनाल भी अच्छा से कार्य करे तो शिशु पूरी तरह से स्वस्थ होंगे. लेकिन कुछ समय बाद इनमें बहुत ज्यादा जटिलताएं पनप सकती हैं.
शोधकर्ताओं में से एक डाक्टर जेफरी गोल्डस्टीन ने बोला कि हमने चार अन्य स्त्रियों का भी अध्ययन किया जो संक्रमित थीं व गर्भपात हो गया था. इनमें से तीन स्त्रियों में भी यही लक्षण थे व सभी के गर्भनाल में सूजन पाया गया.इससे पहले एक शोध में पाया गया था कि 1918-19 आई फ्लू महामारी के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों में दिल रोग की दर अधिक होती है. इसलिए नयी जानकारी ने चिंता बढ़ा दी है. डाक्टर जेफरी गोल्डस्टीन का बोलना है कि वायरस की वजह से गर्भनाल को इतना नुकसान देखकर वह दंग थे. इसमें व जाँच की आवश्यकता है. कोरोनावायरस से पीड़ित गर्भवती स्त्रियों पर गहन निगरानी रखनी होगी. शोध में शामिल 16 में से 15 स्त्रियों ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया व पैदा होने के बाद कोई खास समस्या नजर नहीं आई. सिर्फ एक महिला को गर्भपात का सामना करना पड़ा. बच्चों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट भी नेगेटिव आई.