कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए विशेषज्ञों ने नियमित रूप से हाथ धोने की सलाह दी है. 20 सेकंड तक साबुन या अल्कोहल बेस्ट हैंड सैनिटाइजर से हाथ साफ करने का सुझाव दिया है. कई लोगों को हैंड सैनिटाइजर से हाथ साफ करना ज्यादा सरल लगता है तो वे इसका ही ज्यादा प्रयोग करते हैं.
कोरोना वायरस का खात्मा करने के लिए सामान्य सैनिटाइजर की बजाए कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल वाला सैनिटाइजर होना बेहद महत्वपूर्ण है. लेकिन बार-बार हाथ धोने की वजह से लोगों में कुछ व दिक्कतें भी देखने को मिल रही है. बेंगलुरु के नारायण नेत्रालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि अल्कोहल बेस्ड हैंड सेनिटाइजर का अत्यधिक प्रयोग करने से उन लोगों की संख्या बढ़ी है जो आंखों में खुजली व लालिमा की शिकायत कर रहे हैं. अध्ययन के अनुसार, अल्कोहल बेस्ड हैंड रब का भारी प्रयोग व यह जो एरोसोल उत्पन्न करता है, वह आंख की श्लैष्मिक झिल्ली के लिए संभावित खतरा पैदा कर सकता है. इसका कारण यह है निकटता के कारण आदमी की आंखों में कई तरह के रिएक्शन होने लगते हैं. इसमें सूजन के लिए एलर्जी रिएक्शन भी शामिल है.सैनिटाइज का प्रमुख घटक अल्कोहल है जो इसके निर्जलीकरण गुणों के लिए जाना जाता है, जो कोशिकाओं व ऊतकों में नमी को दूर करता है. इससे सूखी आंखें व सूजन हो सकती है, जो खुजली का कारण बनती है.जापान में विशेषज्ञों द्वारा इसी तरह का एक अध्ययन किया गया था, जिसने हैंड सैनिटाइजर के ज्यादा प्रयोग पर बात की थी. अध्ययन में बोला गया था कि अल्कोहल का प्रयोग अक्सर हाथों को बैक्टीरिया व वायरस से मुक्त रखने के लिए किया जाता है, लेकिन यह स्कीन को ऑयल व पानी से भी वंचित करता है व अगर बेहद प्रयोग किया जाता है, तो यह हाथों व स्कीन में जलन पैदा कर सकता है.सूखी व क्षतिग्रस्त स्कीन रोग के जीवाणुओं का एक केन्द्र बन सकती है व स्कीन में कट के माध्यम से वायरस के शरीर में प्रवेश करने का खतरा भी बढ़ा सकती है.डॉक्टरों ने पाया कि हर घंटे हाथ की सफाई के कारण ऐसा होने कि सम्भावना है. टीम अब रोजाना लाल आंखों के 7-8 मामलों में भाग लेती है. कुल मिलाकर, इसने लगभग 200 मामलों को देखा है.डॉक्टरों ने देखा कि सभी मुद्दे हाल ही के हैं व लक्षण तब दिखाई दिए जब से लॉकडाउन प्रारम्भ हुए. अधिकतर रोगी 18 साल से कम आयु के हैं व एक जरूरी बात यह है कि लगभग 40 फीसदी से अधिक गंभीर मुद्दे हेल्थ वर्कर्स या उनके परिवार वाले हैं.डाक्टर मेधावी अग्रवाल का बोलना है कि स्वच्छता अपनाना स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन स्वच्छता के प्रति अत्यधिक चिंतित रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने कि सम्भावना है. टॉयलेट से आने के बाद साबुन व पानी से हाथ धोना या खाना खाने से पहले हाथ धोना बेहद जरूर है, लेकिन अत्यधिक हाथ धोना या हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग नुकसान पहुंचा सकता है. कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि सैनिटाइजर का अत्यधिक प्रयोग करने से बच्चों में बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है.