इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के मिथक प्रचलित हो रहे हैं. इन्हें लेकर आम लोगों में बहुत ज्यादा भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. क्या है, इन मिथकों की सच्चाई, इस बारे में आपको बता रहा है 'हिन्दुस्तान'.
संक्रमण से बचने के लिए पानी की स्थान इंफ्यूज्ड वॉटर पीना चाहिए. हकीकत- आसान शब्दों में कहें तो इंफ्यूज्ड वॉटर, औषधीय गुणों से युक्त फल और सब्जियों के फ्लेवर वाले पानी को कहते हैं. घर में पानी में पुदीना, धनिया, खीरा, नींबू, अदरक, मौसमी, स्ट्रॉबेरी आदि के टुकड़े रख देने से यह बन जाता है. इससे पानी का स्वाद बढ़ता है, इम्यूनिटी बढ़ती है व गर्मी में ठंडक मिलती है. लेकिन इससे कोविड-19 से बचाव होता है, यह बात ठीक नहीं है.एरोसोल व एयरबॉर्न ट्रांसमिशन एक ही होते हैं. हकीकत- नहीं, ये दोनों भिन्न-भिन्न हैं. कोविड-19 को डब्ल्यूएचओ ने एरोसोल ट्रांसमिशन में रखा है, क्योंकि यह रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट यानी खांसने या छींकने से निकले ड्रॉपलेट के सम्पर्क में आने से होता है. छींकने व खांसने पर मुंह से निकलने वाला फ्लूइड हवा से भारी होता है, इसलिए संक्रमित ड्रॉपलेट गुरुत्वाकर्षण के कारण जमीन या किसी सतह पर गिर जाते हैं. लेकिन एरोसोल के मुद्दे में जमीन पर गिरने से पहले ड्रॉपलेट का फ्लूइड वाष्पीकृत हो जाता है. ऐसे में कुछ देर तक वायरस हवा में रह सकता है. इसीलिए शारीरिक दूरी व हाथों को धोने पर जोर दिया जा रहा है.निकोटिन में विषाणु नष्ट करने वाले गुण होते हैं. हकीकत- इन दिनों यह धारणा बहुत प्रचलित है कि सिगरेट व बीड़ी में प्रयोग होने वाले निकोटिन में विषाणुओं को नष्ट करने वाले गुण होते हैं, इसलिए सिगरेट-बीड़ी पीने वालों व दूसरे तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वालों को संक्रमण का खतरा कम होता है. लेकिन यह महज एक भ्रम है. चाइना के नेशनल हेल्थ कमीशन के अनुसार, इस बात को प्रमाणित करने का अभी तक कोई तथ्य नहीं मिला है कि निकोटिन में विषाणु-रोधी गुण होते हैं या यह संक्रमण को रोक सकता है. उल्टे निकोटिन की वजह से श्वसन तंत्र फेल होने कि सम्भावना है व पैरालाइसिस भी होने कि सम्भावना है.