मानव शरीर बैक्टीरिया के पनपने और उनके बढ़ने के लिए उपयुक्त है। बीमारियां पैदा करने वाले कीटाणु शरीर में मौजूद ऐसी जगह ढूंढ लेते हैं जो त्वचा से ढंकी नहीं होती है और शरीर के अंदर चले जाते हैं। हमारा लक्ष्य ये होना चाहिए कि इन कीटाणुओं को शरीर में घुसने से पहले ही खत्म कर दिया जाए। हालांकि, ये हमेशा व्यक्तिगत स्वच्छता यानि पर्सनल हाइजीन की आदतों को बढ़ाकर ही सुनिश्चित किया जा सकता है। सही तरह से पर्सनल हाइजीन को सुनिश्चित करने के तरीके-
1. रोज़ाना नहाएं-
रोज़ाना शरीर को अच्छे से धोना और उसकी सफाई करना असल में सबसे आसान और उपयोगी तरीका है शरीर में पनपने वाले सभी कीटाणुओं और परजीवियों से छुटकारा पाने का। इसे जरूर वेजाइनल डिस्चार्ज से परेशान हैं तो इसके कारण और उपचार के बारे में जानें
2. बाल धोएं-
जहां रोज़ाना नहाना बहुत जरूरी है वहीं ये भी बहुत जरूरी है कि बालों को हफ्ते में कम से कम एक बार तो साबुन या शैम्पू से धोया जाए।
3. दांतों की सफाई-
दातों को हर रोज़ दो बार ब्रश करना जरूरी है। इससे मसूढ़ों से जुड़ी बीमारियों और दांतों के सड़ने को रोका जा सकता है। मुंह में पलने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने का एक सबसे अच्छा तरीका हो सकता है कि हर बार खाना खाने के बाद ब्रश किया जाए।
4. हाथों की सफाई-
हाथों की सफाई भी हाइजीन से जुड़ी सबसे जरूरी आदत है। कुछ खाने के पहले और बाद में हाथ जरूर धोएं। इसी के साथ, टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद, खेलने के बाद, गार्डनिंग करने के बाद या किसी भी तरह का बाहरी काम करने के बाद हाथ धोना बहुत जरूरी है। ये बहुत जरूरी है कि खाना बनाने से पहले या वो सामग्री तैयार करने से पहले जिनसे खाना बनाया जाएगा आप हाथ साबुन या हैंडवॉश से अच्छे से धो लें। कीटाणु आसानी से हाथों की सतह पर और नाखूनों के नीचे इकट्ठा हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि बार-बार हाथ धोए जाएं।
5. कपड़ों को साबुन से अच्छे से धोना-
कपड़ों में लगी मिट्टी और कीटाणुओं को हटाने के लिए कपड़ों को डिटर्जेंट या साबुन से अच्छे से धोना बहुत जरूरी है। जो कीटाणु कपड़ों पर लगे होते हैं वो आसानी से किसी भी जगह स्थानांतर (ट्रांसफर) हो सकते हैं और ये अन्य लोगों तक भी पहुंच सकते हैं।
6. छींकते या खांसते वक्त मुंह को ढक लें-
ये सिर्फ हाइजीन के लिए जरूरी नहीं बल्कि ये सभ्य व्यवहार का तरीका भी है। छींकते या खांसते वक्त अपने मुंह को ढक लीजिए। इससे कीटाणु न ही हवा में जा पाएंगे न ही किसी और को ट्रांसफर हो पाएंगे। कीटाणु वाली हवा में सांस लेने और ऐसी किसी सतह को छूने से लोगों के बीमार होने की गुंजाइश होती है।
7. भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें-
हालांकि, कई बार ये मुमकिन नहीं होता, लेकिन भीड़भाड़ वाली जगह कीटाणुओं के एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंचने का सबसे आम साधन होती हैं। जो लोग ऐसे घरों में रहते हैं जहां भीड़भाड़ होती है वो भी इसी तरह की समस्या से जूझते हैं। इसीलिए हाइजीन से जुड़ी भावना को बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसे जरूर जानें क्या है सर्वाइकल कैंसर, लक्षण, निदान और उपचार
8. कुशल सीवेज सिस्टम-
घर के सभी तरह के कचरे को ढके हुए चैनल (नालियों) के जरिए बाहर करना चाहिए। इससे घर में रहने लायक स्वच्छ और साफ सुथरा वातावरण होता है जिसमें कीटाणु नहीं होते हैं और बीमारियों के फैलने का खतरा भी कम होता है। कीटाणु और बैक्टीरिया बहुत ही तेज़ी से बढ़ते हैं और इसलिए ये जरूरी है कि उनके पनपने की जड़ को ही खत्म कर दिया जाए। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कीटाणु बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं। क्रॉस कंटेमिनेशन बहुत आसान तरीका है इनके फैलने का। इसलिए खुद पर्सनल हाइजीन का पालन करना चाहिए ताकि इनके फैलने की गुंजाइश को खत्म किया जा सके। अगर आप साफ और स्वच्छ रहेंगे तो आपके आस-पास के लोग भी स्वच्छ और सुरक्षित रहेंगे। डॉक्टर सुधा टंडन ( MBBS, MD - Obstetrics Gynaecology) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।Reference: https://www1.health.gov.au/internet/publications/publishing.nsf/Content/ohp-enhealth-manual-atsi-cnt-l~ohp-enhealth-manual-atsi-cnt-l-ch3~ohp-enhealth-manual-atsi-cnt-l-ch3.7