बच्चे जब ट्यूशन पढ़ें तो रखें इन बातों का ख्याल

आजकल बेहतर भविष्य के लिए प्रतिस्पर्धा के इस दौर में जब आपका बच्चा बड़े क्लास में पहुँचता है तो उसके लिए ट्यूशन या कोचिंग करना आवश्यक हो जाता है,ऐसे समय अपने बच्चे को ही इस बात से अवगत करा दे की वह अपना ध्यान खुद रखें. अपने बच्चे को ट्यूशन भेजने से पहले उसे मानसिक रूप से तैयार केर दे की उसे क्या पढाई करना है. आप अपने बच्चे को बेहतर बनाने के लिए उसकी हर मुश्किल आसान करते है. जब आप किसी विषय को समझाने में मुश्किल का सामना करते है तो ट्यूशन का सहारा लेते है लेकिन ट्यूशन पढ़ते समय बच्चा अकेले ही होता है, इसलिए आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा. अपने बच्चे को ट्यूशन भेजने से पहले उसे मानसिक रूप से तैयार केर दे की उसे क्या पढाई करना है. उसके साथ ले जाने वाली किताब कॉपी सही से रखें. एक माता-पिता होने के नाते आपकी जिम्मेदारी बनती है कि पता करे कि ट्यूशन टीचर आपके बच्चे को ठीक से पढ़ा रहे है या नहीं. कभी- कभी ट्यूशन टीचर लापरवाही बरतने लगते है, समय- समय पे यह पता करते रहना चाहिए की कही वे समय तो नहीं बिता रहे है. यदि ऐसा है तो पहले उस टीचर से बात करनी चाहिए, संतुष्टि न मिलने पर टीचर बदल देना चाहिए. कुछ समय के बाद यह अवश्य पता करे की बच्चे को जो पढ़ाया जा रहा है वह सही है या नहीं क्योकि एक बार गलत जानकारी मिलने पर बच्चे की दिशा ही बदल जाएगी और बच्चा दिग्भर्मित हो जायेगा. टीचर का बच्चे पर बहूत प्रभाव पड़ता है.जब तक बच्चा छोटा है तब तक माँ ही उसकी टीचर है, उससे अच्छा कोई उसे पढ़ा नहीं सकता है.यदि समय की कमी हो तभी अपने बच्चे को ट्यूशन पढ़ने भेजे अन्यथा नहीं. वहीं जब आपका बच्चा बड़े क्लास में पहुँचता है तो उसके लिए ट्यूशन या कोचिंग करना आवश्यक हो जाता है,ऐसे समय अपने बच्चे को ही इस बात से अवगत करा दे की वह अपना ध्यान खुद रखें. उसे बतायें कि लापरवाही से उसका भविष्य ही ख्रराब होगा.

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