वजन को लेकर है परेशान तो अपनी डाइट को ध्यान में रखते हुए करें ये काम.

रोटी के बिना भारतीय भोजन तो अधूरा ही माना जाता है। यही कारण है कि कोई भी सब्जी क्यों न बने, मगर उसके साथ यदि रोटी न परोसी जाए तो भोजन अधूरा-अधूरा सा लगता है। रोटी खाने की क्षमता हर व्यक्ति की अलग-अलग होती है। मगर हम यहां आपको यह बता रहे हैं कि वजन घटाने की यदि आपकी चाहत है तो ऐसे में आपको रोजाना कितनी रोटियां खानी चाहिए।

एक रोटी से कितना आहार? (How Many Chapatis to Eat for Weight Loss)
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मैक्रो-न्यूट्रिएंट्स रिच गेहूं के आटे से बनी रोटियां होती हैं। प्रोटीन तो इसमें भरपूर मात्रा में पाए ही जाते हैं, साथ ही फाइबर की मात्रा भी इसमें प्रचुर होती है। 6 इंच की एक रोटी यदि कोई भी व्यक्ति खाता है तो 15 ग्राम कार्ब्स, 0.4 ग्राम फाइबर और 3 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति उसके शरीर को होती है।
कितनी रोटी की है जरूरत?
आपके शरीर को कितने कार्ब्स की आवश्यकता है, यह इस पर निर्भर करता है कि आपको कितनी रोटियां खानी चाहिए। कार्ब्स आपके शरीर में दूध, सोडा और चीनी का सेवन करने से भी मिल जाता है। उसी तरीके से ऑयल से भी शरीर में कार्ब्स पहुंचते हैं। ऐसे में यदि इन चीजों की मात्रा आपकी डाइट में अधिक है तो आपको रोटियों का सेवन ऐसे में कम ही करना चाहिए।
वजन यदि घटाना चाह रहे हैं तो (Chapatis for Weight Loss)
वजन यदि आप अपना घटाना चाह रहे हैं तो आपके लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक हो जाता है कि कितनी रोटियां आपको खानी चाहिए। पुरुषों और महिलाओं के लिए रोटी खाने की मात्रा दरअसल अलग-अलग होती है। वे महिलाएं जिनके डाइट में दिन में 1400 कैलोरीज लेना शामिल है, उन्हें दोपहर में दो रोटी खानी चाहिए और रात में भी उन्हें दो ही रोटी का सेवन करना चाहिए। पुरुषों के शरीर में यदि डायट प्लान 1700 कैलोरीज का है तो उन्हें दोपहर और रात के भोजन में 3 रोटी से अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए।
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कब सही है खाना?
रोटी का सेवन आप दोपहर के भोजन में भी कर सकते हैं और रात के भोजन के दौरान भी। हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो रोटी खाना हमेशा दिन में ही बेहतर रहता है। जो फाइबर इसमें मौजूद होते हैं, इसके पचने की रफ्तार बड़ी ही कम रहती है। रात में रोटी खाने के बाद जब आप सो भी जाते हैं, तो इसके पाचन की प्रक्रिया चलती ही रहती है, जिसे कि शरीर के लिए उचित नहीं माना जाता है। दिन में यदि आप रोटी खा लेते हैं तो दिन भर की सक्रियता की वजह से आसानी से यह पच जाती है।
रोटी है चावल से बेहतर
चावल से बेहतर विकल्प रोटी को माना गया है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स रोटी का अधिक होता है। इससे पेट अधिक देर तक भरा रहता है। पाचन के समय ब्लड शुगर लेवल भी धीरे-धीरे इससे प्रभावित होता है। चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होने के साथ ही यह जल्दी पचता भी है और शुगर लेवल को भी तेजी से प्रभावित करता है। डायबिटीज मरीजों के लिए तो चावल बेहद खतरनाक हो सकता है।

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