कोरोना महामारी को रोकने के लिए टीका तैयार करने की रेस में अमेरिका स्थित कंपनी मॉडर्ना सबसे आगे बताई जा रही है. इस कंपनी की ओर से तैयार वैक्सीन के शुरुआती परिणाम बहुत ज्यादा उत्साहवर्धक हैं. इस वैक्सीन का नैदानिक परीक्षण कुछ स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया गया है.
हालांकि कंपनी ने यह भी बोला है कि वैक्सीन को आने में अभी कई महीने या पूरा वर्ष लग सकता है. बताया जा रहा है कि इस समय 118 कंपनी वैक्सीन बनाने की रेस में हैं जिसमें अमेरिका स्थित कंपनी सबसे आगे है. आठ कंपनियां अपने-अपने वैक्सीन का नैदानिक परीक्षण कर रही हैं, जबकि 100 कंपनियों ने अभी नैदानिक परीक्षण प्रारम्भ नहीं किया है. ब्रिटेन स्थित डाटा एनालिटिक्स एंड कंसल्टिंग कंपनी ग्लोबलडाटा में एसोसिएट डायरेक्टर माइकल ब्रीन ने कहा-अभी तक केवल मॉडर्ना की ओर से विकसित वैक्सीन ने किसी तरह की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने का प्रदर्शन किया है, इसिलए इस कंपनी को रेस में सबसे आगे बताया गया है. टीका लगाने पर एंटीबॉडी बनने लगी- मॉडर्ना कंपनी की ओर से बताया गया कि शुरुआती आंकड़े दिखाते हैं कि वैक्सीन-एमआरएनए-1273 को लगाने के बाद आठ लोगों के खून में एंटीबॉडी बनने लगे.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन से उम्मीद- टीका बनाने में जुटी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी बहुत ज्यादा उम्मीद है. इसके द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन को बंदरों पर आजमाया गया तो बहुत ज्यादा अच्छा साबित हुआ. इस वैक्सीन का परीक्षण इंसानों पर करने की तैयारी है.
भारत के आठ संगठन भी दौड़ में शामिल- ग्लोबलडाटा के ब्रुक विल्सन ने बोला कि हिंदुस्तान में आठ संगठन वैक्सीन बनाने की रेस में शामिल हैं. इनमें से आधे संगठन कंपनियों के हैं तो आधे गैर-औद्योगिक संगठन हैं. ये संगठन वैसे 12 नैदानिक परीक्षण करने की तैयारी में हैं.