नफ्लुएंजा जैसी बीमारी के क्या होते हैं लक्षण, पढ़े

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड जाँच को लेकर अपने नियमों को व व्यापक बनाया है. इसमें बोला गया है कि अस्पतालों में उन सभी मरीजों की कोविड जाँच की जाए,

जिनमें इनफ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण दिखें. हालांकि, अस्पतालों से यह भी बोला गया है कि वे किसी इमरजेंसी चिकित्सा इलाज को कोरोना जाँच के चलते लंबित नहीं करें.
आईसीएमआर ने सोमवार को कोविड जाँच के लिए दिशा-निर्देश का पांचवा संस्करण जारी किया. इसमें अस्पतालों से बोला गया कि प्रसव समेत किसी भी इमरजेंसी चिकित्सा को कोविड जाँच के चलते रोकें नहीं, बल्कि उसे पूरा करें लेकिन नमूने जाँच के लिए भेज दें. पुराने नियमों में एक परिवर्तन यह किया गया है कि मरीज के सम्पर्क में आए बिना लक्षण वाले लोगों की जाँच अब पांचवें व दसवें दिन में करनी होगी.
पुराने नियमों के तहत यह टेस्ट पांचवें व 14वें दिन किया जाता था. लेकिन हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिना लक्षण व हल्के लक्षण वाले रोगियों का इलाज दस दिन के भीतर पूरा करने के आदेश दिए हैं. इसलिए टेस्ट प्रक्रिया में भी परिवर्तन किया गया है. आईसीएमआर ने बोला कि आईएलआई उन मामलों को माना जाएगा, जिनमें सांस लेने में तकलीफ हो, बुखार 38 डिग्री सेल्सियल हो व साथ में खांसी भी हो.
प्रवासियों का भी टेस्ट होगा- -आईसीएमआर ने यह भी बोला है कि घर लौटने वाले प्रवासियों में अगर इनफ्लुएंजा के लक्षण दिखाई देते हैं तो लक्षण उभरने के सात दिन के भीतर उनकी कोरोना जाँच की जाएगी. हालांकि, जाँच न हो पाने की स्थिति में प्रसव समेत अन्य इमरजेंसी क्लीनिकल प्रक्रियाओं में देरी नहीं होनी चाहिए.

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