100 रोगों की एक दवा है आंवला , अगर आपके शरीर 100 में से एक भी रोग है तो आंवला जड़ से खत्म कर देगा बीमारी

स्वास्थ लाभदायक पोषक तत्वों एवं खनिज पदार्थ मिश्रित हैं। आंवला विटामिन C का प्रचुर स्रोत है। इसके अतिरिक्त यह बहुमुल्य फल कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस , पोटेशियम , जिंक , कैरोटीन, प्रोटीन , विटामिन ए , ई और बी कॉम्प्लेक्स , फोलेट , सोडियम, संतृप्त वसा, फाइबर आहार एवं और भी बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर है। इसलिए हर मर्ज की दवा भी कहा जाता है । तो चलिए जानते है इसके

श्वेत प्रदरः 3 से 5 ग्राम चूर्ण को मिश्री के साथ प्रतिदिन 2 बार लेने से अथवा इस चूर्ण को शहद के साथ चाटने से श्वेत प्रदर ठीक होता है।
रक्त प्रदरः आँवला तथा मिश्री का समभाग चूर्ण 4 भाग लेकर उसमें 2 भाग हल्दी का चूर्ण मिलाकर 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से रक्त प्रदर (योनिगत रक्तस्राव) में अतिशीघ्र आराम मिलता है।
सिरदर्दः आँवले के 3 से 5 ग्राम चूर्ण को घी एवं मिश्री के साथ लेने से पित्त तथा वायुदोष से उत्पन्न सिरदर्द में राहत मिलती है।
शुक्रमेह, धातुक्षयः आँवले के रस में ताजी हल्दी का रस अथवा हल्दी का पाउडर व शहद मिलाकर सुबह-शाम पियें अथवा आँवले एवं हल्दी का समभाग चूर्ण रोज सुबह-शाम शहद अथवा पानी के साथ लें। इससे प्रमेह मिटता है। पेशाब के साथ धातु जाना बंद होता है।
वीर्यवृद्धिः आँवले के रस में घी तथा मिश्री मिलाकर रोज पीने से वीर्यवृद्धि होती है।
कब्जियतः गर्मी के कारण हुई कब्जियत में आँवले का चूर्ण घी एवं मिश्री के साथ चाटें अथवा त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आँवला समभाग) चूर्ण आधा से एक चम्मच रोज रात्रि को पानी के साथ लें। इससे कब्जियत दूर होती है।
अत्यधिक पसीना आनाः हाथ-पैरों में अत्यधिक पसीना आता हो तो प्रतिदिन आँवले के 20 से 30 मि.ली. रस में मिश्री डालकर पियें अथवा त्रिफला चूर्ण लें। आहार में गरम वस्तुओं का सेवन न करें।
दाँतों की मजबूतीः आँवले के चूर्ण को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ले करने से दाँत मजबूत एवं स्वच्छ होते हैं।
आँवला एक उत्तम औषधि है। जब ताजे आँवले मिलते हों, तब इनका सेवन सबके लिए लाभप्रद है। ताजे आँवले का सेवन हमें कई रोगों से बचाता है। आँवले का चूर्ण, मुरब्बा तथा च्यवनप्राश वर्षभर उपयोग किया जा सकता है। जो मनुष्य प्रतिदिन आँवले से स्नान करता है उसके बाल जल्दी सफेद नहीं होते।
खुजली का सरल इलाज
नींबू को काटकर उसके रस को खुजली वाली जगह पर मलने से हर तरह की खुजली से छुटकारा मिलता है।
खुजली होने पर तुलसी के कुछ पत्तों को लेकर उन्‍हें प्रभावित क्षेत्र पर रगड़ें
खुजली वाले स्‍थान पर एलोवेरा के जैल को रगड़ने से यह त्वचा की जलन को कम करने में मदद करता है और खुजली से जल्दी ही राहत प्रदान करता है। इसके लिए घर में लगे एलोवेरा के पौधे की पत्‍ती को काट लें और उसमें से निकलने वाले जेल को खुजली वाली जगह पर लगा लें।
खुजली वाली त्‍वचा के लिए नारियल को तेल बहुत अच्‍छा होता है। शुष्‍क त्‍वचा या मच्‍छर के काटने पर होने वाली खुजली के‍ लिए तो नारियल को तेल अद्भुत काम करता है। प्रभावित क्षेत्र पर सीधा इसे लगाना नारियल के तेल को इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा तरीका है।
पुदीना कीड़े के काटने और खुजली के लिए बहुत अच्‍छा होता है। इसकी पत्तियों को मसलकर सीधे खुजली वाले स्‍थान पर रगड़ना पुदीने को लगाने का सबसे आसान और तेज तरीका है।
नीम के तेल को थोड़ा सा प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और उससे मसाज करें। इस तेल को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।

अन्य समाचार