सबगुरु न्यूज। यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी रोकथाम आपके जीवनशैली पर निर्भर करती है। हमें अपनी दिनचर्या को दुरुस्त रखना होगा, अपने स्वभाव पर भी नियंत्रण करना होगा, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होना भी छोड़ना होगा। हम बात कर रहे हैं आज 'विश्व हाइपरटेंशन डे' यानी ब्लड प्रेशर और उच्च रक्तचाप। आज 17 मई है, इस तारीख को हर साल विश्व भर में हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। इस समय कोरोना वायरस से दुनिया भर में दहशत भरी हुई है। ऐसे में हाइपरटेंशन मरीजों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि इस समय बहुत सावधान रहें और जो स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं उसी का पालन करें।
इस महामारी से बचने के लिए दिल के मरीज, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज मरीजों को बहुत ही देखभाल करनी होगी। ऐसे मरीजों को ब्लड प्रेशर के साथ हार्ट की भी देखभाल करनी होगी, क्योंकि इन दोनों का सीधा संबंध रहता है। ब्लड प्रेशर 45-50 के बाद किसी को भी हो सकती है। चिंता का विषय यह है कि अब युवाओं में भी यह बीमारी पायी जाने लगी है। अगर कोई ब्लड प्रेशर का मरीज है तो उसे समय-समय पर अपने चिकित्सक से परामर्श लेते रहना चाहिए। ब्लड प्रेशर को घर पर ही जांच करनी चाहिए, इससे पता चलता है कि हमारा 'बीपी' कितना नियंत्रण में है या नहीं है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने के लिए अपने व्यवहार में भी परिवर्तन करें
रोजमर्रा की जिंदगी में हमें तमाम बातों से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में गुस्सा आना स्वाभाविक है। लेकिन गुस्सा अगर लत का रूप ले ले तो इस पर विचार करना जरूरी है। बात-बात पर गुस्सा करने से हमारी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जो व्यक्ति गुस्सा नहीं करते, वो कम बीमार होते हैं। गुस्सा भी भावना का एक प्रकार है। जिस व्यक्ति को गुस्सा ज्यादा आता है, उनमें ब्लडप्रेशर, हाइपरटेंशन, गंभीर रूप से पीठ में दर्द की शिकायत देखी गई है।
लेकिन जब यह भावना व्यवहार और आदत में बदल जाती है, तो आप के साथ-साथ दूसरों पर इसका गंभीर असर पड़ने लगता है। इसके लिए जरूरी यह है कि अपने गुस्से की सही वजह को पहचाना जाए और उन पर नियंत्रण रखा जाए। आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम अपने लिए वक्त ही नही निकाल पाते। गलत खानपान की आदतों के कारण हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के गिरफ्त में आ जाते हैं ।
हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है यह दिवस
विश्व में हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। हाइपरटेंशन किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी-कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव की इस वृद्धि के कारण, रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। हमारे शरीर को सुचारू ढंग से कार्य करने के लिए ऑक्सीजन युक्त रक्त की जरूरत पड़ती है।
इस ब्लड को पहुंचाने का काम हमारा सर्कुलेटरी सिस्टम करता है। ऐसे में हमारी नसों पर पड़ने वाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहा जाता है। और जब बहाव काफी तेज होता है तो हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप या हाईपरटेंशन कहा जाता है। एक बार ब्लड प्रेशर की दवाई शुरू की जाए तो उसे बीच में बंद न करें। डाइट में नमक कम करें। जीवन शैली में सुधार कर इस बीमारी से बचा जा सकता है, वहीं अगर किसी को यह बीमारी है तो इसको नजर अंदाज न करें। रेगुलर इसका चेकअप करवाना चाहिए और दवाइयों को बीच में छोड़ना बहुत गलत है। उच्च रक्तचाप से किडनी पर असर अधिक पड़ता है।
व्यायाम और सुबह-शाम मॉर्निंग वॉक करने से ब्लड प्रेशर रहेगा सामान्य
अगर हर रोज एक्सरसाइज या सैर की जाए तो ब्लड प्रेशर को सामान्य रखा जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे लोगों को रोजाना एक्सरसाइज व योगा और सुबह शाम सैर करनी चाहिए । साथ में पानी का अधिक सेवन करना चाहिए। अगर अपने डॉक्टर की सलाह से कोई दवाई चल रही है तो उसको रेगुलर खाएं। पूरी नींद लें और पौष्टिक आहार खाएं। हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी तरह के तनाव को बढ़ने से हो सकती है।
इसमें ब्लड प्रेशर इतना ज्यादा बढ़ जाता है। अपनी मानसिक सेहत का ध्यान रखें अपनी नींद को पूरा लें, पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें । हम आपको बता दें कि हाई ब्लड प्रेशर होने का अंदाजा भी नहीं लग पाता है। जो सबसे खतरनाक हो सकता है। इससे लकवा, हर्ट प्रॉब्लम, किडनी खराब समेत कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
हाइपरटेंशन शरीर की इन बीमारियों को देता है बढ़ावा
कई बार ऐसा हो जाता है कि हाइपरटेंशन की वजह से आपको धुंधला दिखने लगता है। ऐसा होने का मुख्य कारण है जब हाइपरटेंशन बढ़ जाता है तो आपके दिमाग के कई हिस्सों में सूजन आ जाती है। जिससे आंख से जुड़ी नसें प्रभावित होती है। जिसके कारण आपको धुंधला दिखने लगता है। जब आपको हाइपरटेंशन बढ़ जाता है तब आपके शरीर के कई अंदरूनी अंग कमजोर और खराब हो जाते हैं। साथ ही हार्ट चैम्बर्स के मोटे हो जाने के कारण पूरे शरीर में खून ठीक से नहीं पहुंच पाता है जिससे कारण आपको थकान और अनिद्रा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हार्ट चैम्बर्स में अधिक दवाब बढ़ने के कारण हृदय ठीक से खून को पंप नहीं कर पाता है।
जिससे आपके फेफड़ों में भी पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता जिसके कारण आपकी सांस लेने में समस्या उत्पन्न हो जाती है। तेज सिरदर्द में जब आपका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तब क्रेनियम पर दवाब काफी बढ़ जाता है जो मस्तिष्क के स्कल का ही एक भाग होता है। जिसके कारण आपके सिर में तेज सिर दर्द होने लगता है। जो आगे चलकर माइग्रेन की समस्या बन जाता है। आज हाइपरटेंशन दिवस पर आओ संकल्प लें इससे सचेत और सावधान रहेंगे, नियमित एक्सरसाइज और योग करेंगे।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार