कोरोना वायरस को लेकर डॉक्टरों ने बोली ये बात

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के चिकित्सकों के एक समूह ने कोविड-19 महामारी के बीच स्वास्थ्य संस्थानों में मोबाइल फोन के प्रयोग पर पाबंदी की अनुशंसा करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसे उपकरण वायरस के वाहक हो सकते हैं व स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमित कर सकते हैं.

बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक आर्टिक्ल में डॉक्टरों ने बोला कि मोबाइल फोन की सतह एक सबसे जोखिम वाली सतह होती है जो सीधे चेहरे या मुंह के सम्पर्क में आती है, भले ही हाथ अच्छे से धुले हुए क्यों न हों. उन्होंने यह भी बोला कि एक अध्ययन के मुताबिक, कुछ स्वास्थ्यकर्मी हर 15 मिनट से दो घंटे के बीच अपने फोन का प्रयोग करते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) व सीडीसी जैसे विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों की तरफ से कई जरूरी दिशानिर्देश हैं जिनमें बीमारी की रोकथाम व नियंत्रण के तरीका निहित हैं. जर्नल में प्रकाशित इस आर्टिक्ल में यह बात रेखांकित करते हुए बोला गया है कि इन दिशानिर्देशों में मोबाइल फोन के प्रयोग का कोई जिक्र या उल्लेख नहीं है, डब्ल्यूएचओ के संक्रमण नियंत्रण एवं रोकथाम दिशानिर्देश में भी नहीं जिसमें हाथ धोने की अनुशंसा की गई है.
दस्तावेज में बोला गया कि स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में फोन का प्रयोग अन्य कर्मियों से सम्पर्क और संवाद के लिये, हालिया चिकित्सा दिशानिर्देशों, दवाओं के शोधों, दवाओं के दुष्प्रभावों व उल्टा परिस्थितियों, टेलीमेडिसिन अप्वाइंटमेंट व मरीजों के पूर्व इतिहास पर नजर रखने के लिये किया जाता है.
यह आर्टिक्ल समुदाय एवं परिवार चिकित्सा विभाग के डाक्टर विनीत कुमार पाठक, डाक्टर सुनील कुमार पाणिग्रही, डाक्टर एम मोहन कुमार, डाक्टर उत्सव राज व डाक्टर करपागा प्रिया पी ने लिखा है. लेखकों के मुताबिक, स्वास्थ्य देखभाल परिदृश्य में चेहरे, नाक व आंखों के सीधे सम्पर्क में आने की वजह से मोबाइल फोन शायद मास्क, कैप व चश्मों के बाद दूसरे जगह पर हैं. हालांकि अन्य तीन की तरह मोबाइल को धोया नहीं जा सकता इसलिए उनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है. मोबाइल फोन की वजह से हाथों के साफ होने के भी बहुत अर्थ नहीं रह जाते…इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि मोबाइल रोगजनक विषाणुओं के लिए संभावित वाहक हैं.'
इस महामारी के बीच दो सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनियों ने उपभोक्ताओं की मदद के लिए दिशानिर्देश अपलोड किये हैं जिसमें बोला गया है कि 70 फीसदी आइसोप्रोपिल अल्कोहल या क्लोरोक्स विसंक्रामक वाइप्स का प्रयोग फोन को स्विच ऑफ कर उसकी बाहरी सतह को हल्के हाथ से साफ करने के लिये किया जा सकता है. सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक मोबाइल फोन, काउंटर, टेबल के ऊपरी हिस्से, दरवाजों की कुंडियां, शौचालय के नल, की-बोर्ड, टेबलेट्स आदि के साथ सबसे ज्यादा स्पर्श की जाने वाली सतहों में से एक हैं.

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