लखनऊ. पूरी दुनिया मे कहर बरपा करने के बाद हमारे देश भारत मे दाखिल हुए कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है जबकि पूरे देश मे कोरोना वायरस से बचने के लिए पिछले 52 दिनो से लाक डाउन है और देश की जनता अपने अपने घरो मे बन्द है बावजूद इसके भारत मे कोरोना वायरस के मामले बहोत तेज़ गति से बढ़ रहे है. 30 जनवरी को भारत मे कोरोना का पहला मरीज़ मिला था 30 जनवरी के बाद मरीज़ो का आकड़ा इतनी तेज़ी से बढ़ा की आज पूरे भारत मे कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ो का आकड़ा 81 हज़ार 970 पहुॅच गया है पिछले 24 घण्टो के दौरान भारत मे 3 हज़ार 967 नए मामले सामने आए है. भारत मे कोरोना वायरस की पचेट मे आकर मरने वालो की गिनती भी लगातार बढ़ रह है भारत मे कोरोना से मरने वालो की संख्या अब 2 हज़ार 649 पहुॅच गई है. जबकि पूरे भारत मे अब तक कोरोना से संक्रमित 27 हज़ार 920 मरीज़ पूरी तरह से ठीक भी हो चुके है लेकिन देश मे कोरोना के बढ़ते मरीज़ो की संख्या बड़े चिन्ता का विषय है . कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले मे पहले नम्बर पर चल रहे महाराष्ट्र में मरीज़ो की संख्या 27 हज़ार 524 हो गई है महाराष्ट्र मे पिछले 24 घण्टो के दौरान 1602 नए मामले सामने आए है महाराष्ट्र मे कोरोना से जान गंवानें वाले लोगो का आकड़ा एक हज़ार के पार होते हुए 1 हज़ार 19 हो गया है . 25 मार्च से लगातार लागू हुए लाक डाउन के तीसरे चरण के समाप्त होने मे भी अब सिर्फ दो दिन का समय शेष रह गया है लेकिन देश की जनता पिछले 52 दिनो से लगातार कोरोना से जंग लड़ रही है लेकिन कोरोना के बढ़ते हुए मामलो ने देश की जनता और सरकार की चिंताए और ज़्यादा बढ़ा दी है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे लाक डाउन के 52 दिन सड़को पर लाक डाउन का कोई खास असर देखने को नही मिला मुख्य बाज़ार भले ही पूरी तरह से बन्द है लेकिन सड़को पर दौड़ रही बेशूमार गाड़ियो को देख कर ये कहना मुशकिल हो गया है कि लखनऊ मे लाक डान है . लाक डाउन के 52वें दिन शहर की सड़को पर ई रिक्शे भी दौड़ते देखे गए हालाकि सड़क पर चलने वाले ई रिक्शो पर सवारिया सिर्फ दो ही नज़र आ रही थी . इसके अलावा सड़क पर बेशुमार मोटर साईकिल और कारे भी चल रही थी . शहर के चैराहो पर पुलिस की संख्या पहले के मुकाबले काफी कम नज़र आ रही थी इस लिए सड़क पर गाड़िया बिना रोक टोक दौड़ती रही . लाक डाउन के 52वे दिन वज़ीर गंज थाना क्षेत्र के रकाबगंज के आस-पास का नजारा ऐसा था जैसे लाक डाउन के पहले आम दिनो मे हुआ करता था सड़क के दोनो तरफ भारी संख्या मे फल और सब्ज़ियो के ठेले लगे हुए थे और ग्राहको की संख्या ज़्यादा होने के कारण यहां सामाजिक दूरी की धज्जिया भी उड़ती हुई देखी गई रकाबगंज पुल के पास भीड़ की वजह से हल्का फुलका यातायात जाम भी देखने को मिला हालाकि सड़क पर अगर वाहन चल रहे है तो इससे सोशल डिस्टेसिंग को बहोत ज़्यादा नुकसान इस लिए नही है क्यूकि गाड़ियो मे अगर सवारियंा ज़्यादा नही है तो कारो की लम्बाई होने की वजह से दो कारे अगर आगे पीछे बराबर से भी खड़ी हो ते दोनो कारो के चालको मे दो मीटर से ज़्यादा का फासला तो रहता ही है . लखनऊ मे लाक डाउन के उलंघन का अन्दाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि जब से लाक डाउन मे लोगो को राहते दी गई है तब से सड़क पर बढ़ी गाड़ियो की संख्या वजह े प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है पहले से स्वच्छ हुए वातारण अब बदलने लगा है .