मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन यानी BMC ने यह निर्णय लिया है कि अब अगर किसी क्षेत्र में कोरोना वायरस के 1 या 2 मरीज मिलते हैं तो बजाय उस क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन घोषित करने के मरीजों को ही अस्पताल में क्वारंटाइन किया जाएगा। बीमसी के इस निर्णय से अब शहर में कंटेन्मेंट जोन की संख्या कम होगी।
इसके पहले यदि किसी क्षेत्र में एक भी कोरोना का रोगी पाया जाता है, तो उस क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन के रूप में घोषित किया जाता है। और अगर कोई इलाका कंटेन्मेंट जोन में आ जाता है तो फिर वहां BMC के डॉक्टर सहित पुलिस और प्रशासन यानी एक तरह से कहे तो पूरी सरकारी मशीनरी वहां तैनात हो जाती है, और इन सब कार्यों में काफी लोगों की आवश्यकता होती है। और एक बात यह भी है कि मुंबई में दिनोदिन कंटेन्मेंट जोन की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
BMC कमिश्नर इकबाल चहल ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से BMC के सभी पार्टी नेताओं, विभिन्न समितियों के अध्यक्षों के साथ बातचीत की।
कमिश्नर ने बताया कि दिन-प्रतिदिन कंटेन्मेंट ज़ोन की संख्या बढ़ रही है। इस संख्या को कम करने के लिए नगर निगम प्रशासन प्रयास कर रहा है। वर्तमान में, यदि कोई मरीज किसी इमारत या बिल्डिंग में पाया जाता है, तो उस पूरे इलाके को कंटेन्मेंट जोन के रूप में घोषित कर दिया जाता है।
लेकिन अब ऐसा नहीं करके रोगी को तुरंत BMC के आइसोलेशन वार्ड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। ऐसा करने से वहां सरकारी कर्मचारी से लेकर पुलिस तक की तैनाती का काम बचेगा साथ ही इनका उपयोग अन्य कहीं हो सकेगा।
इसके अलावा BMC ने एक ओर निर्णय लिया है। अभी तक कोरोना पॉजिटिव के मरीजों को चौदह दिनों के लिए आइसोलेशन रूम में रखा जाता है। लेकिन BMC इसे घटाकर सात दिन करने की योजना बना रही है।
इस निर्णय के मुताबिक अगर किसी कोरोना पॉजिटिव में 7 दिन से लेकर 10 दिनों तक कोरोना के कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं तो उसे फिर घर भेज दिया जाएगा। घर जाने के बाद भी उस मरीज को एक हफ्ते तक होम क्वारंटाइन रहना पड़ेगा।