की वजह से हुए में लोग अपने घरों में एक महीने से ज्यादा समय से बंद हैं. कई लोग बोर हो गए हैं, तो कई अपना डेली रूटीन मिस कर रहे हैं व हर समय घर के अंदर रहने को लेकर निराश हो रहे हैं.
इस तरह से महसूस करना पूरी तरह से सामान्य है क्योंकि बाहर जाना व अन्य लोगों के साथ मेलजोल करना इंसान की प्रकृति में है. लेकिन लोग जो महसूस नहीं करते हैं, वह है में होने का एक सकारात्मक पहलू. पहला व स्पष्ट कारण यह है कि घर में रहकर की चपेट में आने से बचना है, लेकिन के कारण क्वॉरेंटीन में रहने का पर कुछ सकारात्मक असर भी है.पर्याप्त नींद www.myupchar.com से जुड़े डाक्टर लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का बोलना है कि जब इंसान अच्छी व गहरी नींद लेता है तो उस समय उसका शरीर ऊतकों को फिर से जीवंत करता है. नींद इंसान के शरीर व दिमाग दोनों को आराम देने के लिए महत्वपूर्ण है. अब जब में आदमी को कार्य करने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ती है या बच्चों को समय पर स्कूल के लिए तैयार करने की अभी कोई टेंशन नहीं तो ऐसे में थोड़ी व नींद ले सकते हैं. यहां तक कि एक घंटे की अलावा नींद का मतलब छह के बजाय सात घंटे होने कि सम्भावना है, जो के लिए एक बड़ा अंतर पैदा करता है. शाम को भी लोगों को देर से घर नहीं आने जैसा कोई टेंशन नहीं, इसलिए थोड़ा पहले बिस्तर पर जाना व ज्यादा आराम करना संभव है.स्वस्थ भोजन करना लोग न केवल घर पर अटक गए हैं, बल्कि अधिकतर रेस्त्रां व डिलीवरी सेवाएं बंद हो गई हैं. ऐसे कई लोग बाहर के खाने के बारे में भी सतर्क हो गए हैं, क्योंकि कोई भी का शिकार नहीं होना चाहता है. इसकी वजह से लोग घर का खाना ही खा रहे हैं. घर का खाना पकाने में आमतौर पर कम तेल, ताजी सामग्री व बिना किसी प्रोसेस्ड फूड्स का प्रयोग किया जाता है, जिससे यह बाहर खाने की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प बन जाता है.वर्कआउट करना लोगों के पास अभी अलावा समय है व वजन बढ़ने की चिंता के कारण कई लोगों ने घर पर ही वर्कआउट प्रारम्भ कर दिया है. योग व ध्यान से लेकर जुंबा सेशन तक, संसार भर के लोग अपने होम वर्कआउट के साथ क्रिएटिव हो रहे हैं. यह भी एक मजेदार एक्टिविटी है, क्योंकि पूरा परिवार इसमें शामिल होने कि सम्भावना है व स्वस्थ रहने के लिए साथ प्रयास कर सकता है.घर की केयर कई घरों में मेड नहीं आ रही हैं तो लोगों को खुद का कार्य खुद करना पड़ रहा है. यह कई कारणों से एक अच्छी बात है. यह व्यस्त रखने व बोर नहीं होने के सबसे अच्छे उपायों में से एक है. ऐसे समय में खुद के घर की साफ-साफई कर रहे होते हैं तो ऐसी चीजें मिलती हैं, जिनका लंबे समय से उपयोग नहीं करते हैं व उन्हें फेंकने का अब समय निकाल लेते हैं. घर का झाडू-पोंछा हो या साफ-सफाई सक्रिय रखने व अलावा कैलोरी को जलाने का यह शानदार उपाय हैं.
परिवार के साथ समयघर में रहते हुए का कार्य कर रहे हों व बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं तो ऐसे में परिवार के रूप में बॉन्डिंग का अच्छा मौका है. माता व पिता को घर पर ही बच्चों को पढ़ाने का मौका मिल रहा है तो वह अच्छे से बच्चों को समझ पाएंगे कि बच्चे स्कूल में क्या सीख रहे हैं, उन्हें क्या कठिनाई आती है व कैसे उनकी मदद की जाए. बच्चों के मानसिक के लिए यह जरूरी है कि माता-पिता उन्हें समझें. परिवार के पास घर के अंदर उनके साथ खेल खेलने, आर्ट व क्राफ्ट्स से लेकर खाना पकाने जैसे कई मजेदार चीजें हैं. परिवार के साथ समय बिताने से तनाव दूर होता है व मानिसक सुधरता है. www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डाक्टर उमर अफरोज का बोलना है कि तनाव जैसी समस्या से निजात पाने के लिए व्यस्त ज़िंदगी से अपने लिए समय निकालना बहुत महत्वपूर्ण होता है. परिवार के साथ समय बिताने व ज़िंदगी की छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लेने से तनाव दूर होता है.