शिशु जन्म लेने की पोजीशन में नहीं आये तो क्या करें

प्रेगनेंसी के अंतिम पड़ाव पर पहुंचने के बाद महिला को लगातार अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। ताकि महिला को पता चल सके की बच्चा जन्म लेने के लिए अपनी सही पोजीशन में आ रहा है या नहीं, बच्चे का विकास अच्छे से हो चूका है या नहीं, आदि। साथ ही इस दौरान डॉक्टर आपको आपकी बॉडी में महसूस होने वाले लक्षणों के बारे में भी बताते हैं की यदि आपकी डिलीवरी होने वाली है तो आपको बॉडी में कुछ लक्षण महसूस होंगे। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को प्रसव को समझने में आसानी होती है। लेकिन कुछ केस ऐसे होते हैं जिसमे डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद भी बच्चा जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आता है। तो ऐसे में महिला को क्या करें चाहिए।

गर्भ में शिशु के सही पोजीशन में न आने पर क्या करें
गर्भ में शिशु के जन्म लेने की सही पोजीशन तब होती है जब शिशु के पैर ऊपर की तरफ और सिर नीचे की तरफ होता है। लेकिन कई बार शिशु अपनी सही पोजीशन में नहीं आता है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला के नौ महीने पूरे हो जाते हैं डिलीवरी की डेट भी निकल जाती है तो महिला को जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद गर्भ में शिशु का ज्यादा समय के लिए रहना परेशानी का कारण हो सकता है।
और यह परेशानी केवल महिला को ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे को भी हो सकती है। डॉक्टर अपनी तरफ से कोशिश कर सकते हैं की बच्चा सही पोजीशन में आ जाये। लेकिन यदि बच्चा जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आता है तो इस वजह से माँ व् बच्चे दोनों की सेहत को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर आपको सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दी जाती है।
तो यह है गर्भ में शिशु के सही पोजीशन में न आने पर क्या हो सकता है उससे जुड़े कुछ खास टिप्स, ऐसे में महिला को एक बात का खास ध्यान रखना चाहिए। की किसी तरह की लापरवाही न करें, तनाव न लें, क्योंकि यह आपकी परेशानी को कम करने की जगह बढ़ा सकते हैं।

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