सादुलशहर में 55 प्रवासी मजदूर खेतों में भटकते मिले, सभी को मिला आसरा

सादुलशहर .लॉकडाउन में मजदूर किसी भी हालत में अपने घर लौटना चाहते हैं.खाने की व्यवस्था,पैरों में चप्पल हो या नहीं बस घर पहुँचना है. ऐसे ही कुछ मजदूर सादुलशहर क्षेत्र में सोमवार शाम को खेतों में भटकते मिले. पुरुष, महिलाएं, बच्चे मिलकर कुल 55लोग हैं. ये लोग सादुलशहर क्षेत्र के गांव बुधसिंहवाला, खैरुवाला की रोही में सिर पर सामान की गठरियां, गोद में बच्चे उठाए भटक रहे थे.

सूचना मिलते ही तहसीलदार हरीश कुमार टांक अधीनस्थ कार्मिकों को लेकर बुधसिंहवाला की रोही में पहुंचे.सरकारी गाड़ी एवं पुलिस को देख मजदूर वहाँ से भागने लगे. तहसीलदार ने गाड़ी में लगे स्पीकर से सभी को समझा कर उन्हें राधा स्वामी सत्संग भवन पहुँचाया. जहाँ सभी के पानी, चाय-नाश्ता एवं भोजन की व्यवस्था की,इसके आलावा गद्दे व हवा के लिए कूलर लगवाए गए.साथ ही इन मजदूरों केनाम-पते दर्ज कर स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया.
इनमें 40 लोग पंजाब के कपूरथला एवं जालंधर क्षेत्र के हैं. जो जैसलमेर के मोहनगढ़ में चने की फसल की कटाई के बाद लॉकडाउन में फंस गए थे. दस दिन पहले ही परिवार के साथ मोहनगढ़ से जालंधर के लिए पैदल ही निकल पड़े थे. यहां से अनूपगढ़, सूरतगढ़, हनुमानगढ़ से होते सादुलशहर पहुंच रहे थे. रास्ते में पुलिस के डर से खेतों की ओर निकल गए. इन्होंने मोहनगढ़ में कपूरथला एवं जालंधर जाने के लिए पास बनाने की प्रार्थना थी, लेकिन वहां पास बनाने के लिए मन कर दिया.
वहीं, 15 लोग दस दिन पहले भीलवाड़ा से जम्मू जाने के लिए पैदल रवाना हुए थे. ये मजदुर 3 माह पूर्व भीलवाड़ा फैक्ट्रियों में रुई की गांठों का लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य करने के लिए आए थे. इस दौरान लॉकडाउन लग गया. जिस कारण कंपनी वालों ने मजदूरी देकर घर जाने को कह दिया. कोई साधन नहीं मिलाने के कारण पैदल ही निकल पड़े. और भटकते-भटकते सादुलशहर पहुंचे.

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