नई दिल्ली: दिल्ली के जमुना बाजार में स्थित हनुमान मंदिर दुनियाभर में फेमस है। ये प्राचीन मंदिर मरघट वाले बाबा हनुमान के नाम से प्रसिद्ध है। दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास हनुमान जी के दर्शन को दिल्ली के हजारों लोग प्रतिदिन आते हैं।वर्त्तमान हालात में लोग मंदिरों में नहीं जा रहे है,लेकिन सामान्य दिनों में यहां बहुत भीड़ हुआ करती थी। मंदिर के बारें में बताया जाता है कि यहां भगवान हनुमान साक्षात प्रकट हुए थे।
कहा जाता है कि जब भगवान हनुमान लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी का पहाड़ लेकर लंका जा रहे थे तो वह दिल्ली के इस स्थान पर कुछ देर के लिए ठहरे थे। कहते हैं कि हनुमान जी जब पहाड़ लेकर जा रहे थे तो उन्होंने नीचे यमुना नदी को बहते हुए देखा कुछ देर वहां बैठने का विचार आया लेकिन जब जब हनुमान जी नीचे उतरे तो जहां वे उतरे हैं, वहां एक श्मशान घाट है।
सभी आत्माओं को मुक्ति
हनुमान जी ने यमुना जी के दर्शन किए और यमुना जी ने हनुमान जी से कहा यहां उतरकर सभी आत्माओं को मुक्ति प्रदान की है। यहां आपका एक विशाल मंदिर होगा और हर वर्ष मंदिर में उनके दर्शन करने आया करेंगी। इसलिए इसे मरघट वाले बाबा हनुमान के नाम से भी जाना जाता है।
माता यमुना मंदिर में हनुमान जी के दर्शन
हर वर्ष यमुना नदी का जल स्तर बढ़कर मंदिर तक आता, जिससे यह मान्यता और प्रबल हो गई कि माता यमुना मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आती हैं। हालांकि बाद में निर्माण कार्य के चलते यमुना जी की धारा मंदिर तक नहीं आ पाई। इसके बावजूद कुछ वर्षों के अंतराल के बाद यहां बाढ़ आती ही आती है।
आत्मा की अंतिम यात्रा
मंदिर के साधुओं का कहना है कि जब जी के यमुना जी का हनुमान दर्शन करने का मन होता है तो वह विशाल रूप लेकर मंदिर में आ जाती हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर के सामने स्थित श्मशान घाट की भी बहुत मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि जो आत्मा यहां अंतिम यात्रा में आती है उसे बाबा हनुमान जी मुक्ति दिला देते हैं।