नेशनल दुनिया, जयपुर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक के सबसे बड़े एलान करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री ने भारत की जनता पर विश्वास जताते हुए कहा है कि उनको पूरा भरोसा है कि भारत 2020 में आत्मनिर्भर बनने के लिए इस 20 लाख करोड पर के पैकेट से मजबूती के साथ आगे कदम बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही लोक डाउन 4.0 का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि 18 तारीख से पहले लॉक डाउन के तौर-तरीकों और इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत 21वीं सदी में फिर से विश्व गुरु बनेगा, इसकी पहले भी बातें की जा चुकी है और अब यह भारत के लिए अवसर है।
ऐसे में प्रधानमंत्री ने पूर्व में केंद्र सरकार के द्वारा किए गए आर्थिक पैकेज रिजर्व बैंक के द्वारा किए गए आर्थिक पैकेज के साथ मिलाकर 20 लाख करोड रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस 20 लाख करोड़ रुपए में किसान, श्रमिक, गरीब मध्यमवर्ग सभी का ध्यान रखा गया है। कल से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले कुछ दिन तक इस 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के नियम और कायदों के बारे में लगातार जानकारी देंगे।
उन्होंने कहा कि पूरा विश्व आज भारत किस तरफ देख रहा है और भारत के पास न केवल डिमांड की ताकत है, बल्कि सप्लाई की भी ताकत है।
उन्होंने कहा है कि कोविड-19 की इस वैश्विक महामारी में जहां पूरी दुनिया इस महामारी के खिलाफ लड़ रही है, वहीं भारत आत्मनिर्भर बनने की तरफ कदम बढ़ा रहा है, वहां का है कि यह वैश्विक महामारी भारत के लिए एक बड़ा अवसर है और इससे भारत के प्रत्येक नागरिक को संकल्प लेना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत सरकार पूर्व में भी कई अभियान चलाकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम बढ़ा चुकी थी, लेकिन कोविड-19 की वैश्विक महामारी के कारण पूरे देश के लिए एक बड़ा अवसर है।
उन्होंने आत्मनिर्भर शब्द पर जोर देते हुए कहा कि 21वीं सदी में भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर होगा और यह आत्मनिर्भर आत्ममुग्धता की तरफ नहीं होगा, बल्कि भारत की जो मूलभूत सोच है उसके मुताबिक मानव मात्र के लिए जीव मात्र के लिए और पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी के विकास के लिए कार्य करने की है, उसी को लेकर भारत सरकार आगे बढ़ रही है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की 130 करोड़ जनसंख्या आज जिसमें श्रमिक और किसान, पशुपालक और मध्यम वर्ग बड़े पैमाने पर हैं और इस वैश्विक महामारी के समय यह सभी खड़े रहे हैं, परेशान भी रहे हैं और इन्होंने तकलीफ भी झेली है, लेकिन फिर भी पीछे नहीं हटे।
ऐसे में उनको पूर्ण विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भर बनेगा और इसको कोई रोक नहीं सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति को लोकल वस्तुओं का उपयोग करना है, उनका प्रचार करना है, और उन पर गर्व करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि लोकल को वोकल बनाना है, ताकि भारत का जो लोकल ब्रांड है, वह ग्लोबल ब्रांड बने। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत के 130 करोड़ जनसंख्या लोकल वस्तुओं को खरीदने का कार्य आज से ही शुरु कर देगी, ताकि कल भारत आत्मनिर्भर बन सके।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि चार महीने हो गए। 42 लाख पॉजिटिव हैं, 2.85 लाख की मौत। भारत में भी लोगों ने अपने स्वजन खोए हैं। एक वायरस ने दुनिया को तहस नहस कर दिया। करोड़ों संकट में हैं। दुनिया जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। ऐसा संकट न देख न सुना। मानव जाती के लिए अकल्पनीय है। क्राइसिस अभूतपूर्व है। थकना, हारना, टूटना, हमको मंजूर नहीं। हमे इस जंग से बचना ओर आगे बढ़ना भी है। अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। संकल्प संकट से विराट होगा। पिछली शताब्दी से सुना है 21वीं सदी भारत की होगी। इस संकट में हमने विस्तार से दुनिया देखी है, अभी भी हम देख रहे हैं। इन दोनों कालखण्डों को देखने हैं, तब सोचते हैं 21वीं सदी भारत की हो, यही हमारा सपना है। इसका एक ही उपाय है, आत्मनिर्भर भारत, ऋषियों ने भी यही कहा है। एक राष्ट्र के रूप में हम आज अहम मोड़ पर हैं। यह संकट भारत के लिए संदेश और अवसर लेकर आया है। उदाहरण, जब यह संकट था, तब एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी, n-95 नहीं थे। आज भारत में 2 लाख पीपीई और 2 लाख n-95 बना रहा है। आपदा को हमने अवसर में बदला है। यह आत्मनिर्भर करने का विश्वास में मजबूत करती है। अब आत्मनिर्भर की परिभाषा बदल रही है। आज विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन आशा की किरण है। वासुदेव कुटुंबकम है। भारत आत्मनिर्भर करता है, तब आत्मकेंद्रित नहीं होता। इनमें संसार के सुख, सहयोग प्रमुख है। जो जीव मात्र की चिंता, विश्व को अपना मानती हो, जो पृथ्वी को मां मानती हो, वह भारत भूमि जब आत्मनिर्भर बनती है तो सुखी जीवन पर विश्व की प्रगति समाहित रहती है। भारत के कार्यों का प्रभाव विश्व कल्याण पर पड़ता है। शौच मुक्त भारत, टीबी, पोलियो अभियान में भी भारत की दुनिया पर पड़ता है। विश्व योग दिवस भारत का उपहार है। आज भारत की दवाइयां एक आशा लेकर विश्व में पहुंचती है।