सलाम: जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनी एसिड अटैक सर्वाइवर महिलाएं, बांट रही खाने के पैकेट

कोरोनावायरस के कारण देश में लॉकडाउन जारी है ऐसे में लॉकडाउन के कारण कोई भी काम धंधा नही खुल रहा है जिससे देश के आर्थिक हालातों पर भी असर पड़ रहा है। जरूरतमंद लोगों को खाना नसीब नही हो रहा है। प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए कई बॉलिवुड एक्टर भी डोनेशन कर चुके है लेकिन हमारे समाज में बहुत से ऐसे संगठन है जो लोगों की मदद के लिए कभी पीछे नही हटते। ऐसी ही वाराणसी की कुछ महिलाएं है जो जरूरतमंदों की सेवा कर रही है।

वाराणसी में ऑरेंज कैफे एंड रेस्तरां की स्थापना करने वाली महिलाएँ जरूरतमंदों की सेवा के लिए आगे आ रही है। इन महिलाओं के हौंसले को हम सलाम करते है क्योकि ये महिलाएं एसिड अटैक सर्वाइवर है जो कोरोना वॉरियर बनकर सामने आई है।

इसी ग्रुप की एक महिला बताती है कि एसिड हमले के बाद हमने जीवन में कई तरह की मुश्किलों को देखा है। हम इस मुशिकल घड़ी में समाज के कमजोर वर्गों के लिए कुछ कर के और उनकी मदद करके खुश और संतुष्ट हैं। पूरे वाराणसी के 14 स्थानों में ये पहल अभी भी जारी है।
इस कार्य के लिए इन महिलाओं को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से भी सराहना मिल चुकी है। यहां तक कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के नमामि गंगे कार्यक्रम में भी इनकी इस पहल की फेसबुक पेज पर सराहना की है।

14 फरवरी को की कैफे की शुरूआत
एसिड अटैक सर्वाइवर बदामा देवी, संगीता कुमारी, शन्नो सोनकर, विमला देवी और सोमवती ने बताया कि उन्होंने इसी साल 14 फरवरी को इस कैफे की शुरूआत की है। आपको बता दें ये कैफे अब तक 6,900 पैकेट बांट चुका है। इन महिलाओं ने प्रवासी मजदूरों, रिक्शा चालकों, एकल महिलाओं, वृद्धों, बेघरों, दैनिक यात्रियों और शहर में अलग-थलग पड़े लोगों के लिए भोजन पैकेट बनाकर वितरित करने का काम शुरू किया। यह महिलाएं खाने के पैकेट में पराठा- सब्जी, पूरी- सब्जी या दाल चावल से भरे 200 पैकेट रोजाना वितरित कर रही हैं। अब तक यह लोग 6900 पैकेट स्थानीय पुलिस, सरकारी संगठनों आदि के सहयोग से लोगों तक पहुंचा चुकी हैं।

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