सिंगापुर: शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने खुलासा किया है कि यदि वैश्विक उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका तो वर्ष 2100 तक समुद्र का स्तर एक मीटर से अधिक और 2300 तक पांच मीटर ऊपर उठ जाएगा।
इस अध्ययन में जलवायु की दो अवस्थाओं -निम्न और उच्च उत्सर्जन- के तहत समुद्र के स्तर में होने वाले वैश्विक औसत बदलाव के लिए 100 अधिक अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा किए गए अनुमानों का इस्तेमाल किया गया है।
इस क्षेत्र के ढेर सारे विशेषज्ञों का सर्वेक्षण करने के बाद यह शोध भविष्य में समुद्र स्तर में होने वाली वृद्धि के विभिन्न स्तरों के अनुमानों के बारे में व्यापक आश्वासन देता है। यह शोध क्लाइमेट एंड एटमॉसफेरिक साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
ऐसी परिस्थिति में जहां ग्लोबल वार्मिग प्री-इंडस्ट्रियल स्तर से दो डिग्री सेल्सियस तक सीमित रहता है, तो विशेषज्ञों का अनुमान है कि समुद्र स्तर में वृद्धि 2100 तक 0.5 मीटर औैर 2300 तक 0.5 से दो मीटर तक हो सकती है।
उच्च उत्सर्जन की स्थिति में जब वार्मिग 4.5 डिग्री सेल्सियस होगी, ऐसे में विशेषज्ञों का अनुमान है कि वृद्धि 2100 तक 0.6 से 1.3 मीटर और 2300 तक 1.7 से 5.6 मीटर तक हो सकती है।
सिंगापुर के नानयांग टेक्न ॉलॉजिकल युनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शोध के नेतृत्वकर्ता बेंजामिन हॉर्तोन ने कहा है कि समुद्र स्तर में वृद्धि के अनुमान और उसकी अनिश्चितता के बारे में जानकारी शमन और अनुकूलन के निर्णयों के लिए जरूरी है।
अमेरिका की रोवन युनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के सहलेखक डॉ. आंद्रा गार्नर ने कहा, "हमें पता है कि भविष्य में समुद्र स्तर में अतिरिक्त वृद्धि देखने को मिलेगी।"
यह अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन समुद्र स्तर से जुड़े 106 विशेषज्ञों की राय पर आधारित है और समुद्र स्तर में वृद्धि सीमित रखने के लिए एक निम्न उत्सर्जन नीति अपनाने के महत्व को रेखांकित करता है।
-आईएएनएस