ब्लैक टी के सेवन से हमारे शरीर में ग्लूकोज का लेवल ठीक रहता है। कुछ रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि ब्लैक टी में ब्लड शुगर कंट्रोल करने की खूबी होती है। नॉर्मल और डायबेटिक दोनों ही तरह के लोगों को ब्लैक टी का सेवन कराने पर उन दोनों ही ग्रुप के लोगों में ब्लैक टी ने बढ़ते हुए ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करने का काम किया।
क्या कहती है रिसर्च?
एक अध्ययन में पाया गया है कि ब्लैक टी एक शुगर ऐडेड ड्रिंक लेने के बाद भी हेल्दी और प्री-डायबेटिक दोनों लोगों में ब्लड शुगर के लेवल में वृद्धि को रोकती है। 'एशिया पेसेफिक जरनल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन' में पब्लिश हुई इस स्टडी में भी इस बारे में जानकारी दी गई। ब्लैक टी काफी प्रभावी तरीके से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार है।
ऐसे काम करती है ब्लैक टी
रिसर्च में सामने आया कि ब्लैक टी में मौजूद पैलिफेनॉल्स और ऐंटिऑक्सिडेंट्स टाइप-2 डायबिटीज के साथ ही कैंसर के खतरे को भी कम करते हैं। ब्लैक टी में फ्लोराइड की भी अच्छी मात्रा होती है। यह हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को निरोगी रखने में मददगार है।
ब्लैक टी में होती हैं ये खूबियां
लैब में की गई रिसर्च में सामने आया है कि ब्लैक टी का अर्क कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करके पोस्टप्रांडियल ब्लड ग्लूकोज घटाने में मदद करता है। लेकिन स्टीज से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अभी ब्लैक टी के ग्लूकोज नियंत्रण और इससे होनेवाले लाभों पर और अधिक रिसच् किए जाने की जरूरत है।
ब्लैक टी पीने का सही तरीका
ब्लैक टी पीने का सही तरीका है कि आप इसमें शुगर ऐड ना करें और अगर बिना शुगर के आप इसका सेवन ना कर पाएं तो इसमें बहुत कम मात्रा में शुगर या शहद ऐड कर सकते हैं।
क्लॉटिंग का खतरा होता है कम
ब्लैक टी इंसुलिन सेंसेटिविटी में सुधार करती है। यह ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ ही ब्लड को पतला रखने में मददगार है। इससे ब्लड क्लॉटिंग का खतरा कम होता है।
यहां की मिले सबसे कम पेशंट्स
रिसर्च में दुनिया के उन 50 देशों से डेटा कलेक्ट किया गया, जहां ब्लैक टी की खपत सबसे अधिक है। इनमें आयरलैंड, यूके, तुर्की और रशिया जैसे देश शामिल हैं। यहां लोगों में टाइप-2 डायबिटीज के केस सबसे कम देखने को मिले।