नई दिल्ली। पूरे भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच राजस्थान (Rajasthan) के चूरु जिले के गांधी विद्या मंदिर की श्री भंवर लाल दूगड़ विश्वभारती केमिकल लैब में बना रोग प्रतिरोधक काढ़ा कोरोना वायरस (कोविड-19) के इलाज में काफी कारगर साबित हो रहा है। संस्थान का दावा है कि इस इलाज के कारगर रूप में सामने आने के बाद पूरी दुनिया में आयुष पद्धति का डंका बज सकता है। इस काढ़े के बारे में जानकारी देते हुए संस्थान से जुड़े एक शख्स ने बताया कि काढ़ा एक 800 साल पुरानी आयुर्वेदिक परंपरा है। उस परंपरा को श्री ए नागराज जी के द्वारा हमें यह नुस्खा दिया गया है। उनके ही परिवार की परंपरा का नुस्खा है। यह नुस्खा हमने सब लोगों को खुलेआम बताया हुआ है।
इसमें 10 चीजें पड़ती है जो ज्यादातर चीजें घर पर मिल जाती है सोंठ, काली मिर्च, पीपल, जावित्री, जायफल, लॉन्ग, छोटी इलायची, बड़ी इलायची और तुलसी पत्र ऐसे करके 10 चीजें इसमें शामिल हैं। वहीं अब चूरू जिला कलक्टर संदेश नायक ने अब काढे से कोरोना को मात देने की कवायद शुरू की है। मिली जानकारी के अनुसार अब कोरोना संक्रमण काल में एकबार फिर लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिये चूरू जिले में 400 किलो क्वाथ मंगवाया गया है, जिसे लॉक डाउन और कर्फ्यू को देखते हुए छोटे-छोटे पैकेट बनाकर लोगों के घरों तक आयुष टीम द्वारा पहुंचाया जायेगा। यह क्वाथ के पैकेट पहले कोरोना योद्धाओं को वितरित किये जायेंगे , ताकि वह बढी हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कोरोना के खिलाफ जंग में लड़ सकें।