संकष्टी चतुर्थी का व्रत कठिन व्रतों में से एक है, पूर्ण लाभ के लिए इन बातों का रखें ध्यान

Sankashti Chaturathi In 2020: 10 मई 2020 को संकष्टी चतुर्थी है. गणेश जी के बारे में मान्यता है कि वे बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता है. गणेश जी की कृपा जिस पर हो जाती है उसके जीवन में सुख समृद्धि सदैव बनी रहती है.पूजा का शुभ मुहूर्त संकष्टी चतुर्थी की तिथि रविवार को है. इस दिन चंद्रोदय के बाद संकष्टी की पूजा का विधान है. 10 मई को 21 बजकर 19 मिनट पर चंद्रोदय होगा. पंचांग के अनुसार इस दिन अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. पूजा के लिए यह समय भी उत्तम माना गया है.व्रत में इन बातों का रखें ध्यान संकष्टी चतुर्थी का व्रत कठिन व्रतों में से एक है. मान्यता है कि इस व्रत में केवल फलों, जड़ों यानि जमीन के अन्दर पौधों का भाग का ही सेवन करना चाहिए. व्रत का आहार संकष्टी चतुर्थी व्रत में साबूदाना खिचड़ी,आलू और मूँगफली से निर्मित आहार ले सकते हैं.व्रत पारण इस व्रत का समापन चन्द्रमा के दर्शन करने के बाद किया जाना चाहिए. इस दिन शाम समय भगवान गणेश की पूजा-आरती करनी चाहिए. चंद्र दर्शन के बाद शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें और ये आरती गाएं-श्री गणेशजी की आरती जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा. माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा. एकदन्त दयावन्त, चार भुजाधारी. माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी. पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा. लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा. जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा. माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा. अँधे को आँख देत, कोढ़िन को काया. बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया. 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा. माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा. दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी. कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी. जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा. माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा. Month Panchang: गर्मी का महीना ज्येष्ठ मास 8 मई से हो रहा है शुरू, जानें कब है निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा

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