गर्मी के दिनों में बेल का शरबत पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। यह कई तरह की शारीरिक परेशानियों को दूर कर देता है। इसका शीतल गुण शरीर को ठंडक प्रदान करता है। बेल गर्मी के दिनों में एक औषधि समान है। यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। बेल (Bael) विभिन्न नामों से जाना जाता है। इसे अंग्रेजी में Wood Apple, भारतीय बेल या स्टोन एप्पल भी कहते हैं। यह देशी फल पोषक तत्वों व औषधीय गुणों से भरपूर है।बेल, दिल व मस्तिष्क के लिए सुपर टॉनिक का कार्य करता है। यह आंतों को हेल्दी बनाए रखता है जिससे पेट की परेशानियां दूर होती हैं। Healthbenefitstimes की समाचार के अनुसार इसमें टैनिन, फ्लेवोनोइड्स व कैमारिन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के सूजन को कम करते हैं। यह रक्तस्राव को रोकता है। कच्चा या आधपका बेल भी पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है। गर्मी में पके बेल का शरबत बनाकर पीना लाभकारी होता है। यह स्कर्वी को रोकने या अच्छा करने में उपयोगी है। यह पेट को मजबूत करता है व पाचन क्रिया को बढ़ावा देता है। बेल में एंटी-फंगल व एंटीहेल्मिंटिक गुण भी होता है, जो शरीर से आंतरिक परजीवी को बाहर निकालता है।बेल पेट के म्यूकोसा पर एक लेप बनाती है व अल्सर को अच्छा करने में मदद करती है। प्रातः काल खाली पेट बेल का पना या शरबत जरूर पिएं।हैजा के उपचार में मददगार बेल टैनिन का उच्च स्रोत है, जो हैजा के उपचार के लिए महत्वपूर्ण है। यह छिलके में लगभग 20 फीसदी व गूदे में लगभग 9 फीसदी होता है।कोलेस्ट्रॉल को करता है नियंत्रित बेल का रस लिपिड प्रोफाइल व ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करता है व ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। हालांकि ज्यादा मात्रा में इसका सेवन न करें।ब्लड शुगर को करता है कंट्रोल बेल में Laxative होता है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है। इससे डायबिटीज को रोकने में मदद मिलती है।इसे भी पढ़ेंः बेल का शरबत बनाते समय बरतें सावधानी शरबत बनाने के लिए बेल का अच्छी तरह से पका होना महत्वपूर्ण होता है। बेल में नैचुरल शुगर होता है इसलिए उसमें अतिरिक्त चीनी मिलाने की आवश्यकता नहीं होती। बेल का शरबत बनाने के लिए बर्फ का प्रयोग बिल्कुल न करें। नॉर्मल पानी में ही शरबत बनाना ज्यादा लाभकारी होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि इसका सेवन भी अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।