जानिए, कोरोना वायरस से जुडी कुछ मिथ के बारे में

इन दिनों कोरोना को लेकर कई मिथक आ रहे हैं. इन्हें लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. क्या है, इन मिथकों की सच्चाई, इस बारे में आपको बता रहा है ‘हिन्दुस्तान'कोरोना : मिथ व सच्चाई

मिथ: हर तरह के मास्क फिर से प्रयोग किए जा सकते हैं?
सच्चाई: नहीं, कायदे से मास्क एक बार के प्रयोग के लिए ही होते हैं. एन-95 मास्क और सर्जिकल मास्क की कमी के कारण स्वास्थ्यकर्मियों को उनका पुन: प्रयोग करना पड़ रहा है. अगर आप बिलकुल अच्छा हैं व किसी संक्रमित आदमी की देखभाल नहीं कर रहे हैं, तो घर का बना हुआ मास्क पहनें व उन्हें एक बार बाहर से आने के बाद अच्छी तरह धोकर धूप में सुखाएं. मास्क में नमी रहना संक्रमण के खतरे को बढ़ा देता है.
मिथ: तेज मिर्च वाले भोजन से कोविड-19 संक्रमण नहीं होता सच्चाई: काली हो या लाल मिर्च, तेज मसालेदार भोजन से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव नहीं होता. आयुर्वेदिक पद्धति में काली मिर्च का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम आदि में लिए जाने वाले काढ़ों में होता है, पर इससे कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं होगा, ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
मिथ: रेस्तरां का खाना खाने से कोरोना संक्रमण होता है? सच्चाई: घर हो या होटल, खाना अधिक तापमान पर पकने के कारण वायरस समाप्त हो जाते हैं. पके हुएभोजन से वायरस संक्रमण नहीं होता. वैसे, संभव हो तो इस समय घर का बना खाना खाएं. खाने के ठिकानों पर भीड़ हो सकती है, जहां खाने से भले न हो, पर दूसरे रूप में संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में सामाजिक दूरी का पालन करना ही ठीक होगा.

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