तनाव की समस्या को दूर करेंगे ये 3 योगासन, नियमित करें अभ्यास

तनाव का होना आज के समय में आम बात हो गया है। तनाव होने की भी कई वजहें होती हैं। किसी को रोजमर्रा का काम तनाव दे देता है तो कुछ लोगों के लिए नौकरी ही तनाव का कारण बन जाती है। कुछ लोगों को नौकरी तो प्रिय है, लेकिन उनके बॉस ही उन्हें तनाव दे जाते हैं। परीक्षा को लेकर जितना तनाव बच्चों को होता है तो उतना ही तनाव माता-पिता को भी हो सकता है। तनाव के वजह से कंधों में अकड़न, पीठ में खिंचाव और सिर या गर्दन में दर्द भी होने लगते हैं।बता दें कि योग एक ऐसा माध्यम है जो आपको तनाव से मुक्ति दिला सकता है। योग की कई ऐसी मुद्राएं हैं दिनके अभ्यास से आप तनाव को कम कर सकते हैं। लेकिन योग करने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अगर आपका रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर अनियंत्रित है तो किसी भी योग को करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। आइए आपको बताते हैं उन मुद्राओं के बारे में जिनके अभ्यास से आप तनाव को कम कर सकते हैं...

त्रिकोणासन त्रिकोणासन को करने से तनाव में कमी आती है। यह आसन पीठ दर्द से भी मुक्ति दिलाने में बेहद लाभदायक है। करीब 2 हफ्तों तक इस आसन को करने से आपके पीठ का दर्द खत्म हो जाएगा। इस आसन को करने से वजन भी कम होता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को चौड़ा करके सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद अपनी रीढ़ की हड्डी को मोड़ लें और अपने हाथ को नीचे रख लें। इसके बाद अपना दाहिना हाथ ऊपर कर लें। अब अपने दाहिने हाथ की उंगली को देखें। कुछ देर बाद आप साधरण स्थिति में आ जाएं। अब फिर से निचे झुकते हुए बाएं हाथ के साथ इस आसन को दोहराएं।
हलासन सबसे पहले जमीन पर दरी बिछा लें। इसके बाद जमीन पर बिछी दरी पर सीधा लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथो को जमीन पर रखें और पैरों को आपस में जोड़ लें। अब अपने दोनों पैरो को धीरे से उठाकर अपने नितम्ब को भी हल्का सा ऊपर उठा लें। अब अपने हाथो की मदद से अपने दोनों पैरो को सिर के पीछे जमीन की तरफ ले जाएं। अब अपने पैर और घुटनों को सीधे रखें और अपने हाथों को नितंम्ब के बगल पर ही रखें। इस स्थिति में थोड़ी देर रहने के बाद वापस आ जाएं। ध्यान रहे कि अगर किसी व्यक्ति को च्च तथा निम्न रक्तचाप एवं हृदय की समस्या है तो उसे यह आसान नहीं करना चाहिए।
कोणासन इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद पैरों में कूल्हे के चौड़ाई जितनी दूरी बना लें। अब गहरी सांस लेते हुए अपने बाएं हाथ को इस तरह ऊपर उठाये की आपकी उंगलियां छत की दिशा में रहें। अब सांस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डी को झुकाते हुए अपनी दाहिनी ओर झुके। अब अपने श्रोणि को बाईं तरफ लेकर जाएं और थोड़ा झुके। इस दौरान अपने बायें हाथ को ऊपर की ओर तना हुआ रखे। इस दौरान कोहनियों को सीधा रखें। अब आप सांस भरते हुए अपने शरीर को सीधा करें और फिर सांस को छोड़ते हुए अपने बायें हाथ को नीचे लाए।

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